अर्थव्यवस्था और रोजगार पर हरकत में मोदी सरकार, पीएम ने बनाई दो कैबिनेट कमेटियां

By Team MyNation  |  First Published Jun 5, 2019, 7:53 PM IST

 प्रधानमंत्री  मोदी ने आर्थिक विकास को रफ्तार देने, निवेश का माहौल बेहतर बनाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के तरीके सुझाने के लिए इन कैबिनेट कमेटियों का गठन किया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही सुस्ती और देश में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार हरकत में आ गई है। आर्थिक विकास को रफ्तार देने, निवेश का माहौल बेहतर बनाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के तरीके सुझाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने दो नई कैबिनेट कमेटियों का गठन किया है। इन दोनों कमेटियों की अध्यक्षता खुद पीएम मोदी करेंगे। 

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, निवेश और विकास के लिए बनी पांच सदस्यीय कैबिनेट कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मिनिस्टर नितिन गडकरी के साथ-साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। 

Two new Cabinet committees formed to spur growth, employment

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— ANI Digital (@ani_digital)

वहीं रोजगार और स्किल डेवलेपमेंट के लिए बनाई गई कैबिनेट कमेटी में कुल 10 सदस्य हैं। इनमें पीएम मोदी, अमित शाह, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल के अलावा, कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास एवं आंत्रप्रेन्योरशिप मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के साथ-साथ श्रम राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार और आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। 

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केंद्र में दूसरी पारी की शुरुआत में ही मोदी सरकार के सामने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई चुनौतियां हैं।  पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी की विकास दर घटकर 5.8 प्रतिशत पर आ गई। वहीं, पूरे वित्त वर्ष की आर्थिक विकास दर 6.8 प्रतिशत रह गई। यह पिछले पांच साल का सबसे निचला स्तर है। वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी की विकास दर का लक्ष्य 7.2 प्रतिशत रखा गया था। 

रोजगार के मोर्च पर भी सरकार के समक्ष कई चुनौतियां हैं। 30 मई को मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के एक दिन बाद ही पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की रिपोर्ट जारी की गई। सरकार की ओर से जुलाई 2017 से जुलाई 2018 के बीच की इस रिपोर्ट में देश में बोरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत होने की बात कही गई है। यह पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा है। 

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