ईरान ने परमाणु समझौते को किया रद्द, इराक में फिर यूएस दूतावास के पास रॉकेट से हमला

Published : Jan 06, 2020, 08:10 AM IST
ईरान ने परमाणु समझौते को किया रद्द, इराक में फिर यूएस दूतावास के पास रॉकेट से हमला

सार

जानकारी के मुताबिक बगदाद में स्थिति अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाते हुए दो रॉकेट दागे गए। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। लेकिन अमेरिकी दूतावास के पास ये दूसरा हमला है। अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर पिछले दो महीने के दौरान हमले की यह 14वीं घटना है।  

नई दिल्ली। ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ाता ही जा रहा है। ईरान ने परमाणु कार्यक्रम के लिए लगाए गए प्रतिबंधों से खुद को हटा लिया है। इस समझौते से अलग हो जाने के बाद अब ईरान 2015 के अपने परमाणु समझौते का पालन नहीं करेगा। वहीं अब इराक में अमेरिकी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने लगा है। तीन दिन पहले अमेरिकी दूतावास के पास ही राकेट से हमला किया था और अब एक बार फिर बगदाद स्थित  अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाया गया है। हालांकि रॉकेट दूतावास से कुछ दूरी पर गिरा। 

जानकारी के मुताबिक बगदाद में स्थिति अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाते हुए दो रॉकेट दागे गए। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। लेकिन अमेरिकी दूतावास के पास ये दूसरा हमला है। अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर पिछले दो महीने के दौरान हमले की यह 14वीं घटना है। वहीं दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इराक को चेताया है और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। उधर खाड़ी में बढ़ रहे संकट के बाद तुर्की ने लीबिया में सैनिकों की तैनाती करना शुरू कर दिया है।

असल में ईरान और विश्व के अन्य परमाणु संपन्न देशों के बीच 2015 में परमाणु समझौता हुआ था। हालांकि अमेरिका ने 2018 में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था। उधर ईरान ने भी अमेरिका को धमकी दी है और कहा कि अगर उसने ईरान पर हमला किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। गौरतलब है पिछले शुक्रवार हो ही अमेरिका ने ईरान के शक्तिशाली कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था और इसमें सुलेमानी के साथ ही सात आर्मी अफसरों मारे गए थे।

वहीं दूसरी बार अमेरिका ने फिर इराक में ईरानी सेना को निशाना बनाया था। जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालत हो गए हैं। हालांकि ईरान ने अमेरिका से कहा कि वह 52 बार बदला लेगा। हालांकि विश्व के अन्य देश दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

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