ईरान ने अमेरिका को दिखाया ट्रेलर, अमेरिकी दूतावास के पास किया रॉकेटों से हमला

By Team MyNationFirst Published Jan 5, 2020, 9:01 AM IST
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ईरान समर्थिक गुटों द्वारा इराक में अमेरिकी ठिकानों पर रात में हमले किए गए। हालांकि माना जा रहा है कि ये हमले अमेरिका को डराने के लिए किए गए हैं। वहीं अमेरिकी ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के 52 ठिकाने अमेरिका के निशाने पर हैं। ईरान समर्थित गुटों ने सुलेमानी की मौत के कुछ ही घंटों के बाद ही अमेरिकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं।

नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच अब हालात और भी गंभीर होते जा रहे हैं। इराक पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक के बाद अब ईरान समर्थक गुटों ने इराक में मौजूद अमेरिकी ठिकानों पर हमला किया है। जिसके बाद अब माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में खाड़ी में एक बार फिर युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान ने अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। 

ईरान समर्थिक गुटों द्वारा इराक में अमेरिकी ठिकानों पर रात में हमले किए गए। हालांकि माना जा रहा है कि ये हमले अमेरिका को डराने के लिए किए गए हैं। वहीं अमेरिकी ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के 52 ठिकाने अमेरिका के निशाने पर हैं। ईरान समर्थित गुटों ने सुलेमानी की मौत के कुछ ही घंटों के बाद ही अमेरिकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। ईरान समर्थक मिलिशिया ने इराक की राजधानी बगदाद में अमरिकी दूतावास और बलाद एयर बेस पर जमकर रॉकेट दागे और मोर्टार से हमला किया।

हालांकि इसमें किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इन हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने वालों को खोजकर खत्म किया जाएगा और ईरान के 52 ठिकाने अमेरिका के निशाने पर हैं। वहीं इराक के हिज्बुल्ला गुट ने इराकी सैनिकों से अमेरिकी ठिकानों से दूर जाने को कहा है। माना जा रहा कि ये गुट भी अमेरिकी ठिकानों को निशाना बना सकता है और इस गुट ने इराकी सैनिकों को एक किलोमीटर दूर रहने को कहा है।

 ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को इराक बाहर निकल जाने को कहा है। गौरतलब है कि शुक्रवार को ही अमेरिका ने ईरान के ताकतवर कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। अमेरिका ने सुलेमानी को आतंकवादी घोषित किया हुआ और वह उसकी 12 साल से तलाश कर रहा था। हालांकि कासिम के मारे जाने के बाद ईरान ने अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।

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