बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक चालों का अंदाजा उनके विरोधी तो छोड़िए मित्र भी नहीं लगा सकते हैं। पहले उन्होंने आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ा। फिर उसे किनारे करके बीजेपी का हाथ पकड़ लिया। लेकिन इन दिनों लगता है कि वह फिर से बीजेपी से हाथ छुड़ाकर आरजेडी से नाता जोड़ने की फिराक में हैं।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में फिर से मधुर संबंध विकसित होते दिख रहे हैं।
1. शिवानंद तिवारी ने नीतीश की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ
हाल ही में रांची अस्पताल में लालू यादव से मुलाकात करने के बाद लौटे आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में जेडीयू और आरजेडी का स्टैण्ड एक जैसा ही है। धारा 370 और तीन तलाक के मसले पर दोनों ही पार्टियां एक जैसा ही रुख अपनाती हैं।
शिवानंद तिवारी हाल ही में लालू प्रसाद यादव से रांची के राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी रिम्स में मुलाकात करके आए हैं। जिसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार को लुभाने वाला बयान देना शुरु कर दिया है। यह महज एक संयोग नहीं हो सकता है।
हो सकता है शिवानंद तिवारी ने लालू के इशारे पर इस तरह के बयान दिया हो। क्योंकि लालू यादव से बड़ा राजनीति का शातिर खिलाड़ी शायद पूरे देश में नहीं है।
वह जेल में बैठकर भी लगातार राजनीतिक रणनीति तैयार करने में लगे रहते हैं। हाल ही में उन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के पुर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी समेत कई नेताओं से जेल में ही मुलाकात की है। उन्होंने अपने बेटे तेजस्वी यादव को भी बुलाकर जेल में उनसे मुलाकात की है।
2. अब्दुल बारी सिद्दिकी से नीतीश कुमार की मुलाकात
बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। कई साल तक एक दूसरे के खिलाफ जहर उगल रहे जेडीयू और आरजेडी एक दूसरे के नजदीक आते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इसी सिलसिले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी से मुलाकात की है। वह उनसे दरभंगा में मिले। दरअसल नीतीश कुमार बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वह दरभंगा के अलीनगर स्थित अब्दुल बारी सिद्दिकी के आवास पर पहुंच गए।
दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। महागठबंधन टूटने के बाद यह पहला मौका है जब नीतीश कुमार अब्दुल बारी सिद्दिकी से मिलने उनके घर पहुंचे। इसे देखते हुए बिहार में नए सियासी समीकरणों की आहट सुनाई दे रही है।
महागठबंधन सरकार के दौरान नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहते हुए अब्दुल बारी सिद्दिकी उनकी कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।
लेकिन सरकार टूटने के बाद दोनों के रिश्तों में खटास आ गई। लेकिन अब दोनों नेताओं की मुलाकात से बिहार में जेडीयू के बीजेपी से दूर जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
3. जेडीयू प्रवक्ता ने दी बीजेपी को धमकी
जहां जेडीयू और आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मेल मुलाकातों का दौर बढ़ रहा है। वहीं एक साथ सरकार चला रही जेडीयू और बीजेपी के बीच खटास बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी जेडीयू नेता पवन वर्मा ने बीजेपी को खुली धमकी दे दी है।
पवन वर्मा ने कहा कि 'बीजेपी के नेतागण प्रतिदिन जेडीयू के खिलाफ बयानबाजी करते हैं। उनके बयानों से अहंकार साफ झलकता है। जेडीयू ने बहुत कुछ बर्दाश्त किया है। लेकिन अब बात बर्दाश्त के बाहर होती जा रही है। अगर बीजेपी अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है तो लड़ ले। जेडीयू भी अपनी तैयारी कर लेगा। हम हर परिस्थित का सामना करने के लिए तैयार हैं। '
बिहार में बीजेपी और जेडीयू साथ मिलकर सरकार चला रही हैं। लेकिन 2019 के आम चुनाव के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सिर्फ एक मंत्री को शामिल करने के बीजेपी के प्रस्ताव पर जेडीयू नाराज हो गई थी। जिसके बाद से दोनों पार्टियों के रिश्तों में लगातार तल्खी देखी जा रही है।