क्या महाराष्ट्र में पिछलग्गू बनने से डरी हुई हैं सोनिया गांधी

हालांकि अभी तक कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अभी तक अपने पत्ते साफ तौर से नहीं खोले हैं। वहीं उसकी सहयोगी एनसीपी ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार कर रही है। जिसमें कांग्रेस के मुद्दे भी रखे जाएंगे। जबकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के नेता अहमद पटेल की मुंबई में मुलाकात हो चुकी है। लिहाजा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में शिवसेना और एनसीपी की सरकार राज्य में बन सकती है।

Is Sonia Gandhi afraid of becoming hanger in Maharashtra

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार में शामिल होने के लिए कांग्रेस के विधायक आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के 44 विधायकों में 37 विधायकों ने आलाकमान से साफ कह दिया है कि पार्टी को शिवसेना और एनसीपी की सरकार में शामिल हो जाना चाहिए। जबकि आलाकमान को डर है कि बिहार, यूपी और कर्नाटक की तरह महाराष्ट्र में भी कांग्रेस इन बड़े दलों की पिछलग्गू बन जाएगी। वहीं विधायक किसी भी तरह से सत्ता से दूर नहीं रहना चाहते हैं।

Is Sonia Gandhi afraid of becoming hanger in Maharashtra

हालांकि अभी तक कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अभी तक अपने पत्ते साफ तौर से नहीं खोले हैं। वहीं उसकी सहयोगी एनसीपी ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार कर रही है। जिसमें कांग्रेस के मुद्दे भी रखे जाएंगे। जबकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के नेता अहमद पटेल की मुंबई में मुलाकात हो चुकी है। लिहाजा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में शिवसेना और एनसीपी की सरकार राज्य में बन सकती है।

सरकार बनाने के लिए आतुर कांग्रेस के विधायकों ने सोनिया से कहा कि अगर पार्टी राज्य में सरकार में शामिल नहीं हुई तो उसका महाराष्ट्र में वजूद मिट जाएगा। वहीं कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी को भी लग रहा है कि पार्टी एक राज्य में सरकार तो बना रही है। जो कांग्रेस के खाते में एक उपलब्धि हो सकती है। हालांकि कांग्रेस हरियाणा के प्रदर्शन को लेकर खुश है। क्योंकि राज्य में कांग्रेस भाजपा को अपने बलबूते सरकार बनाने में कामयाब रही है।

वहीं महाराष्ट्र में भी कांग्रेस ने भाजपा का विजयी अभियान रोक दिया है। करीब तीन दशक तक भाजपा के साथ सरकार और गठबंधन चलाने वाली शिवसेना ने सत्ता के लिए भाजपा के साथ अपने रिश्ते खत्म कर दिए हैं। जिसके बाद कांग्रेस को लग रहा है कि जिन क्षेत्रीय दलों के साथ भाजपा ने सरकारें बनाई हैं। अगर उन्हें वह तोड़ ले तो एनडीए की ताकत अपने आप में खत्म हो जाएगी। हालांकि राज्य में कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग सरकार में शामिल होने के खिलाफ है।

क्योंकि शिवसेना का जो इतिहास रहा है। वह कांग्रेस के सिद्धांतों से मेल नहीं खाता है। लिहाजा इन नेताओं को डर लग रहा है कि अगर पार्टी शिवसेना के साथ सरकार बनाती है तो ये मौकापरस्ती होगी। क्योंकि कांग्रेस ने कहा था कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। वहीं कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि शिवसेना का साथ देने पर अल्पसंख्यक समुदाय कांग्रेस से नाराज हो सकता है। जिसका पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा।
 

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