नहीं रहे ‘कड़वे प्रवचन’ से जीवन का अर्थ बताने वाले जैन मुनि तरुण सागर

By Team MynationFirst Published Sep 1, 2018, 10:39 AM IST
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‘कड़वे प्रवचन’ से जीवन को बेहतर बनाने का संदेश देने वाले जैन मुनि तरुण सागर का 51 साल की उम्र में निधन हो गया है। मुनि महाराज तरुण सागर पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनको डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था।

दिगंबर जैन मुनि तरुण सागर को उनके प्रवचनों के लिए जाना जाता है। 'कड़वे प्रवचन' के नाम से समाज को वह संदेश देते थे। वह समाज और राष्ट्र जीवन के अहम मुद्दों पर तीखी शब्दों में अपनी राय दिया करते थे। तरुण सागर बीते काफी दिनों से पीलिया से पीड़ित थे।

 

Jain Muni Tarun Sagar passed away this morning in Delhi. He was 51 years old. pic.twitter.com/xLn14g569u

— ANI (@ANI)


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैन मुनि के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि, “जैन मुनि तरुण सागर के निधन का समाचार सुन गहरा दुख पहुंचा। हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे। मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय और उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है”।  

 

Deeply pained by the untimely demise of Muni Tarun Sagar Ji Maharaj. We will always remember him for his rich ideals, compassion and contribution to society. His noble teachings will continue inspiring people. My thoughts are with the Jain community and his countless disciples. pic.twitter.com/lodXhHNpVK

— Narendra Modi (@narendramodi)


केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है कि, “जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने की खबर से मैं स्तब्ध हूँ। वे प्रेरणा के स्रोत, दया और करुणा के सागर थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं”। 

 

जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ। वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

— Rajnath Singh (@rajnathsingh)


जैन मुनि तरुण सागर ने दिल्ली के कृष्णानगर में शनिवार सुबह 3:18 बजे अंतिम सांस ली। खबर है कि  पीलिया की बीमारी के बाद जैन मुनि ने इलाज कराने से भी मना कर दिया था और कृष्णानगर के राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया। 
 

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