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..तो क्या आजम खान की सांसदी रद्द करा कर ही मानेंगी जया प्रदा, इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची

Published : Jul 06, 2019, 06:13 AM ISTUpdated : Jul 06, 2019, 06:19 AM IST
..तो क्या आजम खान की सांसदी रद्द करा कर ही मानेंगी जया प्रदा, इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची

सार

लोकसभा चुनाव में आजम खान ने बीजेपी नेता जया प्रदा के खिलाफ गलत बयानबाजी की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने आज के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे की रोक लगा दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आजम खान पर रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय के लिए सरकारी जमीन पर कब्जा करने का केस दर्ज किया था। यही नहीं एक दिन पहले ही आजम खान के समधी का होटल की योगी सरकार ने सीज कर दिया है।


रामपुर से समाजवादी पार्टी के नेता और मौजूदा सांसद आजम खान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी की नेता जया प्रदा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जया प्रदा ने हाई कोर्ट में आजम खान के निर्वाचन को चुनौती दी है। हालांकि इससे पहले जया प्रदा ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में आजम के खिलाफ याचिका दायर की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने को कहा था।

रामपुर से एसपी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। लोकसभा चुनाव में आजम खान ने बीजेपी नेता जया प्रदा के खिलाफ गलत बयानबाजी की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने आज के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे की रोक लगा दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आजम खान पर रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय के लिए सरकारी जमीन पर कब्जा करने का केस दर्ज किया था। यही नहीं एक दिन पहले ही आजम खान के समधी का होटल की योगी सरकार ने सीज कर दिया है।

अब आजम खान की मुश्किलें उनके खिलाफ चुनाव लड़ी बीजेपी की प्रत्याशी जया प्रदा ने बढ़ा दी हैं। जया प्रदा ने आजम खान के निर्वाचन को फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जया प्रदा ने अपनी याचिका में कहा कि आजम खान की संसद सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। जया प्रदा ने आरोप लगाया है कि आजम खान ने आफिस ऑफ प्राफिट और करप्ट प्रैक्टिस की है।

आजम खान जौहर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और इसके साथ ही उन्होंने सांसद का चुनाव लड़ा। इससे पहले वह समाजवादी सरकार में मंत्री थे और उस दौरान भी वह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति थे। लिहाजा ये मामला सीधे तौर पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का बनता है। गौरतलब है कि जयाप्रदा ने पहले ही इसी तरह की याचिका लखनऊ स्थित इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में लगाया था, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर थी। कोर्ट ने कहा था कि याचिका प्रधान पीठ में दाखिल की जाए।

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