मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य में रात 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने अब मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों का उपयोग सरकार की योजनाओं का लागू करने का फैसला किया है। इसके जरिए सरकार की योजनाओं को स्थानीय लोगों को बताया जाएगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार नए नए प्रयोगों के लिए जानी जाती है। योगी सरकार के पिछले दिनों के कई आदेश सुर्खियों में रहे। वहीं अब योगी सरकार का नया आदेश चर्चा में है। योगी सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार राज्य के मस्जिदों में लगें लाउडस्पीकर करेंगे। जबकि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य में रात 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने अब मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों का उपयोग सरकार की योजनाओं का लागू करने का फैसला किया है। इसके जरिए सरकार की योजनाओं को स्थानीय लोगों को बताया जाएगा। यही नहीं किसानों को नलकूप के बिल का भुगतान करने के लिए भी मस्जिदों के लाउडस्पीकर के जरिए कहा जाएगा। यही नहीं सरकार की कई योजनाओं के साथ ही नलकूप के बिलों को आसान किस्तों में जमा करने के लिए भी लाउडस्पीकरों के जरिए बताया जाएगा।
असल में उत्तर प्रदेश में कई किसानों को राज्य प्रदेश की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती है। जिसके कारण उन्हें की तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लिहाजा राज्य के विद्युत निगम ने उप्र किसान आसान किस्त योजना' का प्रचार प्रसार मस्जिदों के लाउसस्पीकर के जरिए करने का फैसला किया है। विद्युत निगम चाहता है कि इस योजना के लिए बड़ी संख्या में किसान अपना पंजीकरण कराएं। लिहाजा इसके लिए वह मस्जिदों की मदद ले रहा है।
फिलहाल राज्य का पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में इस योजना को लागू कर रहा है। निगम मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, गौतम बुद्धनगर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, रामपुर और बिजनौर में मस्जिदों के जरिए किसानों को किसानों को अपनी योजना के बारे में जानकारी देगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रात दस से सुबह छह बजे तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद राज्य की भाजपा सरकार ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया था कि वह धर्म विशेष के लोगों को मदद पहुंचाने के लिए इस तरह का फैसला कर रही है।