हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा के बाद गोपाल कांडा सबसे ज्यादा सक्रिय थे। कांडा राज्य के नेतृत्व के बजाए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के संपर्क में थे। यहां तक कि गोपाल कांडा ने सभी निर्दलीय विधायकों को एक कर उन्हें दिल्ली ले गए। राज्य में 8 निर्दलीय विधायक चुने गए हैं। जबकि भाजपा को 40 सीटें और कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। वहीं जननायक जनता पार्टी को दस सीटें मिली हैं। जो अब भाजपा से गठबंधन कर सरकार में शामिल होने जा रही है।
चंडीगढ़। हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक और विवादित नेता गोपाल कांडा पिछले चौबीस घंटे से राजनैतिक दलों के लिए किंगमेकर बने हुए थे। गोपाल कांडा में राज्य में भाजपा की सरकार बनाने के दावे कर रहे थे। वह भाजपा के साथ ही कांग्रेस के लिए भी किंगमेकर बने हुए थे। लेकिन आज एक ही झटके में भाजपा और कांग्रेस के लिए अछूत हो गए हैं। जहां भाजपा ने साफ कर दिया है कि उनका भाजपा के साथ कोई सरोकार नहीं रहेगा वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कांडा के बहाने भाजपा को कोसा और गोपाल कांडा को बलात्कारी बताया। हालांकि कांडा 2009 में कांग्रेस सरकार को बचा चुके हैं और उनके समर्थन से राज्य की कांग्रेस सरकार पांच साल चली थी।
हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा के बाद गोपाल कांडा सबसे ज्यादा सक्रिय थे। कांडा राज्य के नेतृत्व के बजाए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के संपर्क में थे। यहां तक कि गोपाल कांडा ने सभी निर्दलीय विधायकों को एक कर उन्हें दिल्ली ले गए। राज्य में 8 निर्दलीय विधायक चुने गए हैं। जबकि भाजपा को 40 सीटें और कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। वहीं जननायक जनता पार्टी को दस सीटें मिली हैं। जो अब भाजपा से गठबंधन कर सरकार में शामिल होने जा रही है।
लिहाजा अब कांडा भाजपा के अछूत हो गए हैं। भाजपा ने साफ किया है कि कांडा की विवादित छवि को देखते हुए उनसे कोई मदद नहीं ली जाएगी। वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कांडा को बलात्कारी बताते हुए कठघरे में खड़ा किया। हालांकि अब भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह राज्य में किसी भी तरह कांडा से कोई सरोकार नहीं रखेंगी। हालांकि कांडा पहले कांग्रेस की मदद कर चुके हैं। जब 2009 में हुडा सरकार को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था तब कांडा ने हुड्डा को समर्थन देकर सरकार बचाई थी। हालांकि कांडा ने इसकी कांग्रेस सरकार से वसूली भी की और राज्य में गृह राज्यमंत्री का पद अपने पास रखा।