कन्हैया कुमार के खिलाफ दिल्ली के जेएनयू कैंपस में देश के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। इसके लिए दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार से अनुमति चाहिए थी। लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार ने इस मामले में अनुमति नहीं दी। जबकि कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार से इस पर अनुमति देने को कहा था।
नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के कारण जेएनयू नेता और देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार की मुश्किलें बढ़ गई है। क्योंकि अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार के कन्हैया पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। जबकि अभी तक सरकार इस फाइल को दबाकर बैठी थी। इसके बाद दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार भाजपा के निशाने पर आ गई है और अब कई तरह के सवाल उठा रही है।
कन्हैया कुमार के खिलाफ दिल्ली के जेएनयू कैंपस में देश के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। इसके लिए दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार से अनुमति चाहिए थी। लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार ने इस मामले में अनुमति नहीं दी। जबकि कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार से इस पर अनुमति देने को कहा था। लेकिन दिल्ली की आप सरकार ने राजनैतिक फायदे के लिए कन्हैया कुमार के खिलाफ अनुमति नहीं दी। लेकिन अब दिल्ली में हुए दंगों के कारण आप सरकार पर निशाना साधा जा रहा है और सरकार बैकफुट पर है। लिहाजा सरकार ने इस पर फैसला किया है।
भाजपा का कहना है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर दी मंजूरी दी है। असल में भाजपा आरोप लगा रही है कि केजरीवाल सरकार कन्हैया कुमार और अन्य लोगों को अभियोजन की स्वीकृति ना देकर राष्ट्रद्रोह के मामले को रोक रही है। लेकिन जब दिल्ली हिंसा का आरोप सीधे तौर पर आप सरकार पर लग रहा तो सरकार खुद को पाक साफ दिखाने के लिए कन्हैया मामले में फैसला कर रही है। सच्चाई ये है कि चार दिनों तक राज्य में भारी हिंसा में उसका एक पार्षद भी शामिल है और उसके वीडियो वायरल हो रहे है। इस मामले को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे 3 साल लटकाए रखा था।