खास नहीं आम होगा केजरीवाल का शपथग्रहण मार्शल, ऑटो ड्राइवर और टीचर होंगे विशेष आमंत्रित

पीएम नरेन्द्र मोदी की तर्ज पर ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने शपथ  ग्रहण समारोह को कुछ खास बनाने जा रहे हैं। लिहाजा उन्होंने इस समारोह में विशेष आमंत्रित सदस्य बुलाए हैं जो राज्य की जनता को अलग संदेश देंगे। इस समारोह में पिछले पांच सालों वमें आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार में दिल्ली का निर्माण करने में मदद करने वाले लगभग 50 लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच साझा करेंगे।

Kejriwal swearing in Marshall, auto driver and teacher will be special

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उसके साथ ही शपथग्रहण में छह मंत्री कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। लेकिन इस शपथग्रहण समारोह में दिल्ली सरकार के अतिथि डीटीसी की बसों में तैनात मार्शल, स्कूल टीचर और ऑटो ड्राइवर होंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में विभिन्न क्षेत्र के पचास लोगों को विशेष आमंत्रित अतिथि बुलाया गया है।

Kejriwal swearing in Marshall, auto driver and teacher will be special

पीएम नरेन्द्र मोदी की तर्ज पर ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने शपथ  ग्रहण समारोह को कुछ खास बनाने जा रहे हैं। लिहाजा उन्होंने इस समारोह में विशेष आमंत्रित सदस्य बुलाए हैं जो राज्य की जनता को अलग संदेश देंगे। इस समारोह में पिछले पांच सालों में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार में दिल्ली का निर्माण करने में मदद करने वाले लगभग 50 लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच साझा करेंगे।

फिलहाल केजरीवाल ने अपने शपथ ग्रहण समारोह को कुछ खास तरीके से मनाने का फैसला किया है। इसे शक्ति प्रदर्शन के बजाए आम लोगों का बनाने की तैयारी की गई है। शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के आम निवासियों के साथ-साथ कुछ चुने हुए शिक्षकों, बस मार्शलों, वास्तुकारों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और इंजीनियरों को भी भेजा गया है। 

असल में दिल्ली सरकार ने आमंत्रित सदस्यों को यह संदेश देने के लिए चुना गया था कि 8 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में जीत भी दिल्ली को बेहतर बनाने में उनके योगदान पर फैसला था। गौरतलब है कि दिल्ली में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70  में 62 सीटें जीती हैं। जबकि भाजपा को महज8 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस एक बार फिर सिफर में आ गई है। जबकि कांग्रेस ने दावा किया था कि वह राज्य में 15 साल बाद फिर सरकार बनाएगी। फिलहाल केजरीवाल की तरफ से इसे आम लोगों का शपथग्रहण बनाने की बात पहले से ही की गई थी।
 

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