अभी तक केरल कोरोना पीडित मरीजों के मामले में दूसरे स्थान पर है। जबकि देशभर में अभी तक 562 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जबकि 11 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 40 मरीज ठीक हो चुके हैं।
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का खौफ है। लेकिन केरल सरकार ने राज्य में शराब के शौकीनों की लिए दुकानों को खुला रखने का आदेश दिया है। हालांकि केरल सरकार की इसके लिए आलोचना हो रही है। लेकिन राज्य सरकार ने अपने राजस्व के नुकसान को देखते हुए दुकानों को लॉकडाउन से अलग रखा है। लिहाजा केरल सरकार ने शराब को 'आवश्यक' वस्तुओं में किया शामिल किया है।
केरल में राज्य सरकार को हर सालाना लगभग 2,500 करोड़ रुपये का राजस्व शराब से प्राप्त होता है और ये कुल राजस्व का 15 प्रतिशत है। लिहाजा राज्य सरकार ने शराब को आवश्यक वस्तुओं की सूचियों में शामिल किया है। ताकि शराब के शौकिनों को बगैर किसी रोकटोक के शराब मिलती रहे। लिहाजा केरल में कोरोना वायरस महामारी के बीच शराब की बिक्री जारी रहेगी। अभी तक केरल कोरोना पीडित मरीजों के मामले में दूसरे स्थान पर है।
जबकि देशभर में अभी तक 562 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जबकि 11 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 40 मरीज ठीक हो चुके हैं। फिलहाल केरल सरकार ने शराब को 'आवश्यक' वस्तुओं की श्रेणी में रखा है। फिलहाल देशभर में लॉकडाउन है। पिछले दिनों केरल में शराब की दुकानों में भारी भीड़ देखने को मिली थी। जिसके बाद केरल सरकार की आलोचना हो रही थी। लिहाजा अब सरकार ने आदेश दिया है कि राज्य में शराब की दुकानें बेरोकटोक खुली रहेंगी।
हालांकि राज्य में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा शराब की दुकानों को खोलना केरल सरकार के अड़ियल रवैये को दर्शाता है। असल में केरल में हर साल सरकार को 2,500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त शराब से प्राप्त होता है। राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें किराने का सामान, ताजे फल, सब्जियां, पीने के पानी के साथ ही शराब को 'पेय' की सूची में रखा है। केरल में 7 से शाम 5 बजे तक जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुली रहेंगी और इसी के तहत शराब की दुकानें भी खुली रहेंगी।