क्या अल्पसंख्यकों का यूं ही सफाया करता रहेगा पाकिस्तान?

By Siddhartha RaiFirst Published Mar 27, 2019, 11:42 AM IST
Highlights

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को लगातार मौत के घाट उतारा जा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान के सिंघ प्रांत में तीन नाबालिग हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्मपरिवर्तन कराते हुए जबरन निकाह कराया गया वहीं पाकिस्तान की पश्तून जनसंख्या आजादी की मांग करते हुए लगातार पश्तून युवाओं के अपहरण और जेल में हो रही हत्याओं के विरोध में आवाज बुलंद की है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को लगातार मौत के घाट उतारा जा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान के सिंघ प्रांत में तीन नाबालिग हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्मपरिवर्तन कराते हुए जबरन निकाह कराया गया वहीं पाकिस्तान की पश्तून जनसंख्या आजादी की मांग करते हुए लगातार पश्तून युवाओं के अपहरण और जेल में हो रही हत्याओं के विरोध में आवाज बुलंद की है।

फरवरी 2019 में लोरालई प्रेस क्लब के सामने धरना दे रहे पश्तून तहाफुज मूवमेंट (पीटीएम) के वरिष्ठ सदस्य मोहम्मद इब्राहिम अरमान लोनी की पुलिस कारवाई में हत्या से आजाद पश्तून मूवमेंट को तेज कर दिया गया है।

"

अरमान लोनी की हत्या से डरे बिना पीटीएम ने 31 मार्च को पेशावर में एक बड़ी मार्च रैली निकालने का आवाहन किया है। इस रैली को पीटीएम ने पेशावर लॉन्ग मार्च फॉर पश्तून की संज्ञा दी है और सोशल मीडिया पर इस रैली को लेकर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। खासतौर पर ट्विटर पर #PaahtunLongMarch4Arman पर ट्रेंड कर रहा है और बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान सरकार की अल्पसंख्यकों नीति का विरोध कर रहे हैं।

In reaction to PM comments on interim government in Afghanistan, we hereby repeat our demand for installation of or led Administration across the Pashtun & Baloch belt in Pakistan to end terrorism & prevail joint harmony.https://t.co/Z5KKrz7Vx4

— Imtiaz Wazir (@imtiazwaziri)

वहीं पाकिस्तान की पश्तून आबादी ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र अथवा नाटो के नेतृत्व में निष्पक्ष सरकारों की पश्तून इलाकों में हस्तक्षेप की बात कही है जिससे पाकिस्तान सरकार की दमनकारी और आतंकी नीतियों पर लगाम लगाया जा सके।गौरतलब है कि अरमान लोनी पाश्तो साहित्य के प्रोफेसर, जाने मानें कवि थे और वह खुलकर पीटीएम का समर्थन करते थे। लोरालई में पाकिस्तान पुलिस के अधिकारी एएसपी अताउर रहमान ने तालिबानी आंतक के खिलाफ जारी एक धरने के वक्त लोनी जमकर पिटाई की और अंत में उनकी हत्या कर दी 

click me!