जानें दुनिया में नियाजी की कम हुई ताकत, क्या इसमें भी है मोदी फैक्टर

By Team MyNation  |  First Published May 30, 2020, 6:11 PM IST

दुनियाभर में पाकिस्तान के मददगार के तौर पर पहचाने जाने वाले महाथिर अब अपने ही देश में सत्ता से बेदखल हो चुके हैं। जो इमरान खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। महाथिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाते थे। दुनियाभर के मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान को कभी तवज्जो नहीं दी।

नई दिल्ली।  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी की अंतरराष्ट्रीय ताकत एक तिहाई कम हो गई है।  जिस मलेशिया के पूर्व पीएम महाथिर मोहम्मद के गले से गले मिला कर इमरान खान भारत को नीचा दिखने की  साजिश करते थे  अब उसी महातिर को पार्टी से निकालने जाने की खबर आ रही है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसमें भी मोदी फैक्टर है। जिसके कारण महातिर को उनके ही देश में अलग-थलक कर दिया गया है।

दुनियाभर में पाकिस्तान के मददगार के तौर पर पहचाने जाने वाले महाथिर अब अपने ही देश में सत्ता से बेदखल हो चुके हैं। जो इमरान खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। महाथिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाते थे। दुनियाभर के मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान को कभी तवज्जो नहीं दी। लेकिन मलेशिया हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा देता था और मलेशिया के पू्र्व पीएम महाथिर भारत का विरोध करते थे।

लेकिन अब पाकिस्तान, तुर्की और मलेशिया की तिकड़ी की ताकत कम हो गई है। मलेशिया से खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मलेशियाई पूर्व पीएम महाथिर मोहमद को उनकी ही राजनीतिक पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद को 18 मई के संसदीय सत्र के के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी का सदस्य होने के बावजूद विपक्षी बेंच पर बैठने के कारण उनकी पार्टी ने बर्खास्त कर दिया है।

94 वर्षीय मोहम्मद को उनके बेटे और तीन वरिष्ठ सदस्यों के साथ संयुक्त स्वदेशी पार्टी ऑफ मलेशिया से बाहर का रास्ता दिखा  गया है। जिसके बाद पाकिस्तान और वहां के पीएम इमरान खान को बड़ा झटका लगा है।  असल में महाथिर को इमरान खान का करीबी माना जाता था और भारत विरोधी अभियान में महाथिर पाकिस्तान का पूरा साथ देते थे। कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद तुर्की के साथ ही महाथिर ने पाकिस्तान का साथ दिया था जबकि दुनिया का कोई भी देश इन दोनों देशों के साथ नहीं आया और दुनिया के देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया।

बताया जा रहा है कि मलेशिया की नई सरकार भारत से अच्छे रिश्ते बनाना चाहती है। जबकि महाथिर के दौर में भारत और मलेशिया के रिश्ते काफी खराब हो गए थे। भारत ने मलेशिया से पॉम ऑयल का आयात बंद कर दिया था। जिसके बाद मलेशिया में पॉम ऑयल की कीमत कम हो गई थी। वहां के उद्योगों ने भी सरकार से भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की वकालत की है। भारत दुनिया का सबसे ज्यादा पॉम ऑयल मलेशिया से आयात करता है। लेकिन महाथिर की कार्यप्रणाली और पाकिस्तान के मददगार की छवि के बाद भारत के मलेशिया के साथ रिश्ते खराब हो गए थे। मलेशिया के नए पीएम मुशाहिदीन यासिन भी भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं।

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