आप भी नहीं जानते होंगे ये राज, जिस बच्ची को नलिनी ने जेल में दिया जन्म उसे नहीं मिली भारतीय नागरिकता

By Team MyNation  |  First Published Jul 25, 2019, 4:02 PM IST

राजीव गांधी हत्या की दोषी नलिनी की बेटी ने अपनी पढ़ाई लंदन में हासिल की है। राजीव गांधी की हत्या के लिए नलिनी को जून 1991 में गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही उसकी शादी तिरुपति में मुरुगन से हुई थी। मुरूगन श्रीलंका के नागरिक है। शादी के बाद गिरफ्तार करने के वक्त नलिनी के पेट में हरिद्रा पल रही थी। उसके बाद 1992 में वेल्लोर की जेल में उनसे बेटी को जन्म दिया।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी ने जेल में एक बच्ची को जन्म दिया था। इस बच्ची का नाम हरिद्रा श्रीहरन है। जिसकी शादी के लिए नलिनी को 30 दिन पैरोल मिली है। लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि जिस बेटी को नलिनी में जेल में ही जन्म दिया उसके भारत सरकार ने नागरिता नहीं दी। यही नहीं हरिद्रा ने भी अपने छह साल जेल में ही बिताए।

राजीव गांधी हत्या की दोषी नलिनी की बेटी ने अपनी पढ़ाई लंदन में हासिल की है। राजीव गांधी की हत्या के लिए नलिनी को जून 1991 में गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही उसकी शादी तिरुपति में मुरुगन से हुई थी। मुरूगन श्रीलंका के नागरिक है।

शादी के बाद गिरफ्तार करने के वक्त नलिनी के पेट में हरिद्रा पल रही थी। उसके बाद 1992 में वेल्लोर की जेल में उनसे बेटी को जन्म दिया। हालांकि बचपन में हरिद्रा का नाम मेगारा था, जिसे बाद में बदल दिया गया और उसका नाम हरिद्रा श्रीहरन रखा गया।

नलिनी के साथ हरिद्रा भी छह साल साल तक जेल में ही रही। क्योंकि नियमों के अनुसार छह साल तक के बच्चे जेल में मां के साथ रह सकते हैं। लिहाजा छह साल के बाद हरिद्रा को उसकी दादी के पास भेज दिया गया। बाद में हरिद्रा को उसके पिता और दादी श्रीलंका ले गए। हरिद्रा श्रीलंका की नागरिक है।

क्योंकि उसके पिता और दादी श्रीलंका मूल के हैं। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई के बाद हरिद्रा अपने पिता के भाई के वहां लंदन चली गयी और फिर उसने वहीं पर अपनी पढ़ाई की। हरिद्रा ने 2011 में ब्रिटेन के ग्लास्गो यूनिवर्सिटी में दाखिल लिया और उसने बॉयो मेडिसिन की पढ़ाई की।

भारत सरकार ने हरिद्रा को कभी भारत की नागरिकता नहीं दी। क्योंकि इसके पीछे तर्क थे कि वह श्रीलंकाई पिता की संतान है। इसके लिए मद्रास हाईकोर्ट तक मामला चला। हरिद्रा के परिजनों ने कोर्ट में अपील की थी कि उसका जन्म भारत में हुआ है और उसकी मां भी भारतीय है, इसलिए उसे भारत की नागरिकता दी जाए।

लेकिन हरिद्रा को भारतीय नागरिकता नहीं मिली। हालांकि हरिद्रा एक बार अपनी मां से मिलने के लिए भी वेल्लोर पहुंची थी। फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन पैरोल पर जेल से बाहर आ चुकी है। मद्रास हाईकोर्ट ने उसे अपनी बेटी की शादी के लिए 30 दिनों की पैरोल दी है। 

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