राज्यसभा चुनाव के लिए जानें क्यों जमीनी कार्यकर्ताओं पर भाजपा ने खेला दांव

By Team MyNation  |  First Published Jun 9, 2020, 1:43 PM IST

भाजपा ने राज्य सभा चुनाव के लिए राजनैतिक तौर पर चर्चित नामों की तुलना में उन नामों को तवज्जो दी। जिन्हें राज्य की राजनीति में कोई नहीं जानता है। भाजपा ने  राज्य में होने वाले चुनाव के लिए एरना कडाडी और अशोक गस्ती को मैदान में उतारा है। इन दोनों नामों ने पार्टी ही नहीं बल्कि विपक्षी दलो दलों को भी चौंकाया है।

नई दिल्ली। कर्नाटक में चार सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने ऐसे प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है।  जिन्हें राज्य की राजनीति में कोई नहीं पहचानता है। ये प्रत्याशी भाजपा के जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं। इन प्रत्याशियों के नामों पर राज्य के नेताओं को ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भी बड़ा झटका लगा है। ये दोनों नाम राज्य की सियासत में अनाम हैं।


भाजपा ने राज्य सभा चुनाव के लिए राजनैतिक तौर पर चर्चित नामों की तुलना में उन नामों को तवज्जो दी। जिन्हें राज्य की राजनीति में कोई नहीं जानता है। भाजपा ने  राज्य में होने वाले चुनाव के लिए एरना कडाडी और अशोक गस्ती को मैदान में उतारा है। इन दोनों नामों ने पार्टी ही नहीं बल्कि विपक्षी दलो दलों को भी चौंकाया है। असल भाजपा ने ऐसा कर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहले तो राज्य में राज्यसभा चुनाव के लिए हो रही गुटबाजी को खत्म  किया है। वहीं पार्टी ने पार्टी कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि विपक्षी दलों को  ये संदेश दिया है कि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो जमीनी कार्यकर्ताओं को तवज्जो देती हैं। जबकि अन्य राजनैतिक दल परिवार और भाई भतीजावाद से घिरे हैं।


कर्नाटक की चार राज्यसभा चुनाव के लिए हो रहे चुनाव के लिए राज्य ईकाई ने प्रकाश शेट्टी, प्रभाकर कोरे और रमेश कट्टी के नामों को आगे किया था। इसके लिए कर्नाटक से दिल्ली तक लॉबिंग चल रही थी। लेकिन आलकमान ने सभी नेताओं को चौंकाते हुए एरना कडाडी और अशोक गस्ती के नाम पर मुहर लगाई।  ये दोनों नाम राज्य की सियासत में अनाम हैं।  कडाडी इसके पहले बेलगावी जिले के मुंबा-कर्नाटक क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं  अशोक गस्ती रायचूर जिले में पार्टी के महासचिव हैं। वहीं  कडाडी लिंगायत हैं तो गस्ती ओबीसी समुदाय से आते हैं। 

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