पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने क्षेत्रीय दलों से कांग्रेस के पीछे चलने को कहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों को भाजपा को टक्कर देने के लिए केवल भाषणों से मदद नहीं मिलेगी। इसके लिए क्षेत्रीय दलों को और धर्मनिरपेक्ष दलों को देश में राजनीतिक रूप से अपनी ताकत बढ़ानी पड़ेगी।
बेंगलूरु। जनता दल सेकुलर के प्रमुख और देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचजी देवेगौड़ा ने कहा कि देश केक्षेत्रीय दलों को फिर से एक साथ आना चाहिए। ऐसा कर वह केन्द्र की सत्ताधारी भाजपा से मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों को कांग्रेस के पीछे चलना चाहिए। असल में कुछ दिन पहले ही देवगौड़ा ने कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने से इंकार किया था। लेकिन अब एकाएक उनके सुर बदल गए हैं।
पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने क्षेत्रीय दलों से कांग्रेस के पीछे चलने को कहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों को भाजपा को टक्कर देने के लिए केवल भाषणों से मदद नहीं मिलेगी। इसके लिए क्षेत्रीय दलों को और धर्मनिरपेक्ष दलों को देश में राजनीतिक रूप से अपनी ताकत बढ़ानी पड़ेगी। जेडी (एस) सुप्रीमो ने हासन जिले में पार्टी द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में कहा, "हम सभी को कांग्रेस के साथ जुड़ने और उपलब्ध ताकत के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है, तभी हम उन्हें (भाजपा को) रोक पाएंगे।
गौरतलब है कि कर्नाटक में जदएस और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। लेकिन विधायकों के बागी होने के बाद राज्य में एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार बहुमत के कारण गिर गई। इसके बाद देवगौड़ा ने साफ कहा था कि वह भविष्य में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेंगे। लेकिन अब वह इसकी वकालत कर रहे हैं। यही नहीं राज्य में तीन महीने पहले हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और जदएस ने अलग अलग चुनाव लड़ा था।
इसमें जदएस का एक भी प्रत्याशी नहीं जीत सका था जबकि भाजपा ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं देवेगौड़ा ने कांग्रेस को “भरोसेमंद नहीं” करार दिया। असल में राज्य में जद एस का जनाधारी खिसकता जा रहा है। लिहाजा उसके पास अब विकल्प भी कम हैं। लिहाजा राज्य में अपना अस्तित्व बचाने के लिए देवगौड़ा फिर कांग्रेस से गठबंधन की वकालत कर रहे हैं।