गेस्ट हाउस कांड को लेकर फिर 'मुलायम' हुईं माया

By Team MyNation  |  First Published Nov 8, 2019, 8:47 AM IST

इस साल लोकसभा चुनाव में करीब ढाई दशक के बाद मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक ही मंच पर दिखे। मायावती ने मुलायम सिंह के लिए मैनपुरी में वोट भी मांगे और मुलायम ने मायावती की जमकर तारीफ की। लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन बनाकर दोनों दलों इतिहास तो रचा लेकिन ये ज्यादा दिन नहीं चला। 

लखनऊ। क्या आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में फिर गठबंधन की राजनीति शुरू हो सकती है। खासतौर से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच। हालांकि मायावती ने लोकसभा चुनावों के बाद सपा से बसपा का गठबंधन तोड़ दिया था। लेकिन बसपा प्रमुख मायावती मुलायम सिंह के लिए मुलायम हो रही हैं। उन्होंने मुलायम सिंह के खिलाफ गेस्ट हाउस कांड में मुकदमा वापस लेने की अर्जी कोर्ट में दी है। जिसको लेकर राजनैतिक तौर पर चर्चा शुरू हो गई हैं। क्योंकि कभी मायावती मुलायम सिंह को सख्त थी।

इस साल लोकसभा चुनाव में करीब ढाई दशक के बाद मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक ही मंच पर दिखे। मायावती ने मुलायम सिंह के लिए मैनपुरी में वोट भी मांगे और मुलायम ने मायावती की जमकर तारीफ की। लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन बनाकर दोनों दलों इतिहास तो रचा लेकिन ये ज्यादा दिन नहीं चला।

अपने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कभी भी मायावती ने मुलायम के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला और न ही यूपी गेस्ट हाउस कांड के बारे में मुंह खोला। लेकिन लोकसभा परिणाम के बाद मायावती ने सपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया। चुनाव में बसपा ने दस सीटें जीती जबकि सपा ने 5 सीटें। इस मजबूत गठबंधन के बाद भाजपा 64 सीटें जीते में कामयाब रही।

लेकिन अब मायावती फिर मुलायम सिंह को लेकर मुलायम हो रही हैं। लिहाजा उन्होंने तीन दशक के सबसे चर्चित गेस्ट हाउस कांड में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा वापसी की अर्जी दी है। गौरतलब है कि बसपा द्वारा सपा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद 2 जून 1995 को राजधानी के स्टेट गेस्ट हाउस में मायावती के साथ सपाइयों ने बदसलूकी की थी। हालांकि मायावती ने मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव, बेनी प्रसाद वर्मा व आजम खां समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा वापस नहीं लिया है।

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