टीएमसी के झंडे लगाने से मना करने पर कोलकाता में महिला व्यवसायी को ‘नतीजे भुगतने की धमकी’

By Anindya Banerjee  |  First Published Mar 29, 2019, 12:36 PM IST

पीड़ित व्यवसायी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, यह चुनाव से पहले लोगों के मन में दशहत पैदा करने की कोशिश लगती है।‘चुनाव को लेकर लोगों के मन में डर बैठ गया है। आने वाले हफ्तों में बिजनेस को नुकसान होने वाला है।' 

सात-आठ फरवरी के बीच बंगाल में बहुचर्चित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2019 का आयोजन किया गया। इसका स्लोगन ‘बंगाल मतलब बिजनेस’ था। इस आयोजन के दो महीने से भी कम समय बाद दक्षिण कोलकाता में एक प्रख्यात वैफेल फ्रेंचाइजी चलाने वाली एक महिला और उसके पति को कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा परेशान करने, डराने और धमकाने का मामला सामने आया है। यह सारा मामला फ्रेंचाइजी के बोर्ड पर टीएमसी के झंडे लगाने को लेकर है। 

एक फेसबुक पोस्ट में रिद्धिमा खन्ना वासा ने आरोप लगाया, ‘मुझे कस्बा स्थित स्टोर पर चुनाव से पहले जबरन टीएमसी का झंडा लगाने के लिए कहा गया। जब हमने पार्टी के स्थानीय प्रतिनिधि से कहा कि यह हमारा निजी बिजनेस है, जब हम किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुई नहीं हैं तो हम उनका झंडा क्यों लगाएं तो हमें परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।’

बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनावों में विपक्ष से कड़ी चुनौती मिल रही है। यही वजह है कि पार्टी आक्रामक तरीके से खुद को पेश कर रही है। हालांकि खन्ना का कहना है कि यह चुनाव से पहले लोगों के मन में दशहत पैदा करने की कोशिश लगती है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘चुनाव को लेकर लोगों के मन में डर बैठ गया है। आने वाले हफ्तों में बिजनेस को नुकसान होने वाला है। कोई हैरानी की  बात नहीं है कि लोग शहर में आगे और न रहना चाहें। फिर कोलकाता में बिजनेस कैसे आगे बढ़ेगा। कैसे कोलकाता में कोई बिजनेस फ्रेंचाइजी आएगी?’ हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने इस फेसबुक पोस्ट को हटा लिया। पोस्ट हटाने के पीछे कोई वजह नहीं बताई गई है।

ममता बनर्जी के ‘बंगाल मतलब बिजनेस’ समिट पर तंज कसते हुए खन्ना ने कहा, ‘बंगाल का मतलब बिजनेस नहीं  बल्कि बंगाल का मतलब बिजनेस से खुली उगाही’ है। गौरतलब है कि इस समिट में मुकेश अंबानी, किशोर बियानी, हर्षवर्धन नियोटिया जैसे बिजनेसमैन शामिल हुए थे। 

चुनावों को लेकर बंगाल को काफी संवेदनशील माना जा रहा है। यही वजह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव राज्य में सात चरणों में कराए जा रहे हैं। बंगाल में सत्ताधारी दल के प्रतिरोध के बावजूद चुनाव आयोग का रुख कड़ा बना हुआ है। अब इस तरह की घटनाओं और कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं की धमकी के चलते बंगाल में चुनाव से पहले हिंसा की आशंका गहरा गई है। 

इस बीच, ‘माय नेशन’ से बात करते हुए पीड़ित फ्रेंचाइजी मालिक खन्ना ने कहा, ‘यह घटना बृहस्पतिवार सुबह हुई। टीएमसी के कुछ कार्यकर्ता आए और बोर्ड के साथ उनकी पार्टी का झंडा लगाने के लिए कहने लगे। जब हमने ऐसा न करने का कारण बताया तो हमें नतीजे भुगतने की धमकी दी गई।’ पीड़ित व्यवसायी की ओर से अभी पुलिस में इसकी शिकायत नहीं की गई है। जब उनसे पूछा गया कि वे कब अपनी शिकायत पुलिस को देंगे तो रिद्धिमा खन्ना ने कहा, ‘हम परेशानी में नहीं पड़ना चाहते। हां, हमने इसे सोशल मीडिया पर डाला है और यह वायरल हो गया है। लेकिन हम अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।’
 

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