महाराष्ट्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच रिश्तों में टकराव देखा जा रहा है। पिछले दिनों ही राज्यपाल की बुलाई गई बैठक से मुख्यमंत्री ने किनारा कर लिया था। हालांकि इसके दो दिन बाद शिवसेना के सांसद संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाकात कर रिश्तों में नरमी लाने की कोशिश की और राज्यपाल को उद्धव ठाकरे के पिता तुल्य बताया।
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे की झटका देने की तैयारी कर ली है। राज्यपाल ने राज्यपाल में होने वाली नियुक्तियों के अधिकार राज्यपाल कार्यालय को देने की मांग की है। जबकि अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग राज्यपाल सचिवालय में नियुक्ति करता है और ये विभाग मुख्यमंत्री के अधीन होता है। हालांकि आने वाले दिनों में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच इस मुद्दे पर फिर विवाद हो सकता है। राज्य में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच रिश्तों में पिछले कई दिनों से तल्खी देखी जा रही है।
महाराष्ट्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच रिश्तों में टकराव देखा जा रहा है। पिछले दिनों ही राज्यपाल की बुलाई गई बैठक से मुख्यमंत्री ने किनारा कर लिया था। हालांकि इसके दो दिन बाद शिवसेना के सांसद संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाकात कर रिश्तों में नरमी लाने की कोशिश की और राज्यपाल को उद्धव ठाकरे के पिता तुल्य बताया। वहीं अब राज्यपाल ने राज्यपाल सचिवालय में होने वाली नियुक्तियों के अधिकार को राज्यपाल को देने की मांग की है।
राज्यपाल ने इसके लिए तर्क दिए हैं कि जिस तरह से न्यायपालिका में नियुक्तियां उसके तहत होती हैं उसी तरह से राज्यपाल सचिवालय में नियुक्तियों का अधिकार राज्यपाल सचिवालय के पास हो। हालांकि अभी तक राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के तहत राज्यपाल सचिवालय में नियुक्तियां होती हैं। लिहाजा अब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) से कहा है कि वह राजभवन में कर्मचारियों की नियुक्तियों का अधिकार चाहते हैं। राजभवन के कर्मचारियों की नियुक्तियां आमतौर पर जीएडी द्वारा की जाती हैं और ये विभाग मुख्यमंत्री के पास होता है।
राज्यपाल न्यायपालिका की तर्ज पर राजभवन में एक स्वतंत्र स्थापना चाहते हैं। राज्यपाल के कार्यालय के लिए कर्मचारियों की जब आवश्यकता होती है, तो उन्हें राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है। पिछले दिनों ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि राज्यपाल को प्रशासनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पवार ने कोरोना को लेकर राज्यपाल द्वारा समीक्षा बैठक को बुलाए जाने को लेकर ये बयान दिया था।