कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सदन में विश्वासमत पेश कर दिया है। हालांकि अभी तक बागी विधायक मुंबई में ही हैं और ऐसा माना जा रहा है कि संख्याबल न होने के कारण कुमारस्वामी सरकार आज गिर जाएगी।
कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सदन में विश्वासमत पेश कर दिया है। हालांकि अभी तक बागी विधायक मुंबई में ही हैं और ऐसा माना जा रहा है कि संख्याबल न होने के कारण कुमारस्वामी सरकार आज गिर जाएगी। वहीं कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने बागी विधायकों से फिर से विचार कहने की अपील की। उधर भाजपा के सभी विधायक सदन में मौजूद हैं। उधर बेंगलुरू से एक और कांग्रेस के विधायक के गायब होने की खबर आ रही है।
राज्य में पिछले एक हफ्ते से चला आ रही सियासी ड्रामा खत्म होने जा रहा है। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सदन में अपना विश्वासमत पेश किया। अभी सदन में विश्वासमत में बहस चल रही है। फिलहाल संख्याबल को देखते हुए राज्य की कुमारस्वामी सरकार के पास बहुमत नहीं है। फिलहाल राज्य में 225 विधायकों का सदन है। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं।
सरकार बनाने के लिए कुमारस्वामी को फिलहाल सरकार बनाने के लिए 106 विधायकों का आंकड़ा चाहिए। जबकि 15 बागी विधायक और दो निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद सरकार के पास 100 विधायकों का ही समर्थन है। जबकि भाजपा के पास 107 विधायकों का समर्थन है। फिलहाल सरकार बनाने के लिए मैजिक नंबर घटकर 106 पर पहुंच गया है।
ये है सरकार बनाने का गणित
विधानसभा में 225 विधायक हैं। इसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं। वहीं एक विधायक मनोनीत है। अब 15 विधायकों के गायब रहने या फिर इस्तीफा देने की स्थिति में विधायकों की संख्या 210 हो जाती है। इसमें से पचास फीसदी के एक विधायक के फार्मूले के तहत सरकार को 106 विधायकों की जरूरत होगी। वहीं भाजपा के पास 105 विधायक हैं और इसके साथ ही राज्य के दो निर्दलीय विधायक भी भाजपा के समर्थन में हैं।
दो निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर ने पहले ही बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस जेडीएस सरकार को स्पीकर और एक मनोनीत विधायक के समर्थन के बाद भी संख्याबल नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति में सरकार के पास 102 विधायकों का ही समर्थन मिल रहा है। जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। फिलहाल बीएसपी के विधायक को लेकर स्थिति साफ नहीं हैं।