बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव ने बुधवार को धमाकेदार एंट्री की। उन्होंने राजधानी पटना के पास बने दूध मार्केट का अतिक्रमण हटाने के खिलाफ धरना दिया। लेकिन बाद में पता चला कि जिन दूध कारोबारियों को बचाने के लिए वह धरना दे रहे थे। वह लोग दूध में खतरनाक केमिकल मिलाकर बेच रहे थे। जिससे लोगों को कैंसर होने का खतरा था।
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव 8 घंटे तक पटना के दूध मार्केट को बचाने के लिए धरने पर बैठे। वह पटना में रेलवे स्टेशन के पास के दूध मार्केट को हटाने के विरोध में धरना कर रहे थे। तेजस्वी रात को 3:00 बजे तक दूध मार्केट को बचाने के लिए धरने पर बैठे। जिसमें उनका साथ देने के लिए उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी वहां पहुंचे थे।
दरअसल अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत पटना जिला प्रशासन ने पटना रेलवे स्टेशन के पास दूध मार्केट पर बुलडोजर चला दिया था। इसके विरोध में दूध मार्केट के दुकानदार एकजुट हो गए थे। इन्हीं दुकानदारों के समर्थन में बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव वहां पहुंचे थे।
लेकिन एक तथ्य यह भी है कि जिस दूध मार्केट को हटाया गया वहां से फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने 10 किलो हाइड्रोजन पैराक्साइड नाम का केमिकल बरामद किया। जिसका इस्तेमाल दूध को लंबे समय तक रखने के लिए किया जाता है। लेकिन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है और यह कैंसर का कारण बन सकता है।
खास बात यह है कि दूध का यह मार्केट लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए बना था। लेकिन फूड सेफ्टी अधिकारियों का कहना था कि वह दूध मार्केट में कभी भी दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए जा नहीं पाए। क्योंकि जब भी वहां जाने की कोशिश करते थे तो इस दूध मार्केट के दुकानदार लाठी और पत्थरों से उनपर हमला कर देते थे।
पिछले दिनों बिहार के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने यहां से तीन सैंपल उठाए थे। लेकिन ऐसा पुलिस के सहयोग से ही संभव हो पाया था। लेकिन इनमें से एक ही सैंपल पास पाया, जबकि बाकी के 2 सैंपल फेल हो गए।
दूध मार्केट में बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन पराक्साइड बरामद होना दूध के दुकानदारों की मंशा पर सवाल उठाता है। इससे यह भी प्रश्न उठता है कि क्या तेजस्वी यादव सिर्फ अपनी रोटियां सेकने के लिए गलत काम करने वालों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं।