सोनिया गांधी के करीबी नेता ने सीएए को बताया संवैधानिक, अनुच्छेद 370 पर किया था मोदी सरकार का समर्थन

By Team MyNation  |  First Published Jan 20, 2020, 11:33 AM IST

दो दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कपिल सिब्‍बल और सलमान खुर्शीद ने कहा था कि राज्य सरकार केन्द्र के बनाए गए नियम को पालन करने से मना नहीं कर सकते हैं। क्योंकि इसे संसद ने पारित किया है और संविधान के तहत कोई भी राज्य सरकार संसद से पारित कानून को लागू करने से मना नहीं कर सकती है।

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस में विभाजन होता जा रहा है। कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद के बाद हरियाणा में कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेन्दर सिंह हुड्डा ने नागरिकता कानून को संवैधानिक बताया है। हुड्डा पहले भी कांग्रेस पार्टी से इतर राय रख चुके हैं। हुड्डा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार का समर्थन किया था।

हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके और हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने वाले हुड्डा ने कहा कि नागरिकता संसोधन कानून संवैधानिक है और कोई भी राज्य सरकार इसका विरोध नहीं कर सकती है। हालांकि इससे पहले कपिल सिब्‍बल और सलमान खुर्शीद इस कानून को संवैधानिक बता चुके हैं। दो दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कपिल सिब्‍बल और सलमान खुर्शीद ने कहा था कि राज्य सरकार केन्द्र के बनाए गए नियम को पालन करने से मना नहीं कर सकते हैं।

क्योंकि इसे संसद ने पारित किया है और संविधान के तहत कोई भी राज्य सरकार संसद से पारित कानून को लागू करने से मना नहीं कर सकती है। अब हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है और उन्होंने इस कानून को संवैधानिक करार दिया है। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंदर सिंह हुड्डा ने पार्टी के लाइन से बाहर जाकर बयान दिया है।

कांग्रेस पार्टी इस कानून को असंवैधानिक बता रही है। वहीं कांग्रेस में इस कानून को लेकर दो फाड़ हो चुके हैं। हुड्डा ने मीडिया से कहा कि एक बार संसद से बिल पास होकर कानून बन गया और इसे कोई भी राज्य लागू नहीं करने के लिए मना नहीं कर सकता है। हुड्डा उन नेताओं में से हैं जिन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर केन्द्र सरकार की तारीफ की थी और  जबकि कांग्रेस पार्टी इसे हटाने का विरोध कर रही थी।

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