जानें कर्नाटक के सियासी रण में क्या है ‘लव लेटर ’, जिसने बढ़ा दिया है संवैधानिक संकट

By Team MyNation  |  First Published Jul 19, 2019, 6:34 PM IST

राज्यपाल ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर शाम तक सदन में बहुमत सिद्ध करने का आदेश दिया था। लेकिन सदन में विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि राज्यपाल केवल सलाह दे सकते हैं, आदेश नहीं दे सकते हैं। वहीं शुक्रवार रात में राज्यपाल ने सीएम कुमारस्वामी को आज दोपहर 1.30 बजे तक बहुमत सिद्ध करने को कहा था। 

कर्नाटक में सियासी संग्राम चरम पर है। राज्यपाल वजुभाई वाला दो बार मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को सदन में बहुमत सिद्ध करने को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन कुमारस्वामी ने राज्यपाल के निर्देशों को दरकिनार कर दिया है। यही नहीं उनके दो पत्रों को लव लेटर कहकर खिल्ली भी उड़ाई। कुमारस्वामी ने इन पत्रों का मजाक उड़ाते हुए स्पीकर से कहा कि कृपया मुझे इन लव लेटर से बचाएं।

राज्य की कुमारस्वामी सरकार पर संकट के बादल पूरी तरह से घिर गए हैं। कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार को पहले सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि विधायकों पर व्हिप का आदेश लागू नहीं किया जाएगा।

वहीं उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से बागी 15 विधायकों के इस्तीफों को मंजूर करने को कहा। लेकिन इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने समयसीमा की बाध्यता खत्म कर दी। हालांकि शुक्रवार से राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से सदन में बहुमत सिद्ध करने को कह रहे हैं। लेकिन दोनों ने ही राज्यपाल के आदेश को तवज्जो नहीं दी।

राज्यपाल ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर शाम तक सदन में बहुमत सिद्ध करने का आदेश दिया था। लेकिन सदन में विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि राज्यपाल केवल सलाह दे सकते हैं, आदेश नहीं दे सकते हैं।

वहीं शुक्रवार रात में राज्यपाल ने सीएम कुमारस्वामी को आज दोपहर 1.30 बजे तक बहुमत सिद्ध करने को कहा था। लेकिन कुमारस्वामी सरकार ने बहुमत साबित नहीं किया। वहीं राज्यपाल से मिले दो पत्रों की मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सदन में सबसे सामने खिल्ली उड़ाई।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल का दूसरा लव लेटर आ गया है और कृपया स्पीकर महोदय मुझे इन लव लेटरों से बचाया जाए। कुमारस्वामी ने कहा कि मैं राज्यपाल का सम्मान करता हूं। लेकिन, राज्यपाल द्वारा भेजे गए दूसरे प्रेमपत्र से मुझे दुख पहुंचा है।

 

इसके बाद कुमारस्वामी विधानसभा अध्यक्ष की तरफ मुंह मोड़ते हुए कहा कि फ्लोर टेस्ट पर निर्णय में आप पर छोड़ता हूं और मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मुझे राज्यपाल द्वारा भेजे गए पत्र से बचाएं।

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