जानें ज्यादा सीटों के लिए क्यों अड़ी है शिवसेना, नहीं हो सका बंटवारा

By Team MyNation  |  First Published Sep 19, 2019, 6:26 AM IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा सिरदर्द बना हुआ है। राज्य की 288 सीटों में भाजपा शिवसेना को 120 सीट देना चाहती है जबकि शिवसेना 135 सीट चाहती है। हालांकि भाजपा के तर्क हैं कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर सीटों का बंटवारा होना चाहिए। राज्य में लोकसभा चुनाव में भाजपा को 22 और शिवसेना को 18  सीटें मिली थी।

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। शिवसेना 135 सीटें मांग रही है जबकि भाजपा उसे 120 सीट देना चाहती है। लिहाजा अभी तक सीटों के बंटवारे के लिए गतिरोध बना हुआ है। हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी में सीटों का बंटवारा दो दिन पहले ही हो गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा सिरदर्द बना हुआ है। राज्य की 288 सीटों में भाजपा शिवसेना को 120 सीट देना चाहती है जबकि शिवसेना 135 सीट चाहती है। हालांकि भाजपा के तर्क हैं कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर सीटों का बंटवारा होना चाहिए। राज्य में लोकसभा चुनाव में भाजपा को 22 और शिवसेना को 18  सीटें मिली थी। हालांकि अभी तक दोनों के बीच सीट शेयरिंग का कोई फार्मूला तय नहीं हो सका है।

फिलहाल शिवसेना सीटों की संख्या में किसी भी मामले में पीछे नहीं रहना चाहती है। शिवसेना के तर्क हैं कि वह केन्द्र में भाजपा की सहयोगी है और अभी तक भाजपा की शर्तों पर गठंबधन में है। लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा को बड़ा दिल दिखाते हुए उसकी बात को मानना चाहिए। शिवसेना का कहना है कि भाजपा और  उसे 135-135 पर चुनाव लड़ना चाहिए जबकि बाकी की 18 सीटों को अन्य सहयोगी दलों को देने चाहिए।

असल में शिवसेना कम सीटों पर लड़कर चुनाव के बाद की स्थिति के लिए सेफ जोन में जाना चाहती है। इसके जरिए वह राज्य में सीएम की कुर्सी का दावा कर सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में 120 सीटें जीती थी और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लिहाजा भाजपा अपने हाथ में ज्यादा सीटें रखना चाहती है। पिछले चुनाव में भाजपा और शिवसेना अलग अलग चुनाव लड़े थे। हालांकि बाद में दोनों ने गठबंधन बनाकर राज्य में सरकार बनाई।

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