पिछले हफ्ते ही समाजवादी पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिवपाल की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। असल में अभी तक शिवपाल विधानसभा में सपा के विधायक हैं। लेकिन पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी का गठन किया। हालांकि अभी तक सपा ने उन्हें पार्टी से निकाला नहीं है। ऐसे में शिवपाल चाहते हैं कि सपा उन्हें पार्टी से निकाल दे। ताकि वह शहीद का दर्जा प्राप्त कर फिर मैदान में जा सकें।
लखनऊ। कभी समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे और वर्तमान में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव को चुनौती दी है। शिवपाल ने कहा कि अगर उनकी सदस्यता जाती है तो वह दोबारा फिर से जसवंत नगर से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे फिर जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे। जसवंत नगर को शिवपाल सिंह यादव का गढ़ माना जाता है।
पिछले हफ्ते ही समाजवादी पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिवपाल की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। असल में अभी तक शिवपाल विधानसभा में सपा के विधायक हैं। लेकिन पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी का गठन किया। हालांकि अभी तक सपा ने उन्हें पार्टी से निकाला नहीं है। ऐसे में शिवपाल चाहते हैं कि सपा उन्हें पार्टी से निकाल दे। ताकि वह शहीद का दर्जा प्राप्त कर फिर मैदान में जा सकें।
यहीं नहीं अगर पार्टी उन्हें निकाल देती है तो वह काफी अरसे तो असंबद्ध विधायक के तौर पर विधानसभा में रह सकते हैं। हालांकि ऐसे में शिवपाल चुनाव लड़ना पसंद करेंगे। असल में दो साल पहले समाजवादी पार्टी में बिखराव हो गया थता और इसका असर विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला। क्योंकि विधानसभा चुनाव में महज 47 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। जबकि लोकसभा चुनाव में वह पांच सीट ही जीत सकी थी। उधर शिवपाल सिंह ने कहा कि अगर उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म होती है तो वे जसवंत नगर सीट से दोबारा चुनाव लड़ेंगे।
लोकसभा चुनाव में शिवपाल ने सपा को खासा नुकसान पहुंचाया था। जिसके बाद ये तय हो गया था कि शिवपाल की पार्टी में अब वापसी की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। लिहाजा अखिलेश ने शिवपाल को झटका देने के लिए विधानसभा की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा। शिवपाल ने सैफई में कहा कि जसवंतनगर मेरा गढ़ है और वहां से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वालों की जमानत जब्त होगी।