जानें क्यों अखिलेश के लिए मुलायम हो रहे हैं शिवपाल

By Team MyNation  |  First Published Nov 20, 2019, 7:00 AM IST

 शिववाल ने इटावा में बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह वे सपा से गठबंधन को तैयार हैं। लिहाजा अब अखिलेश को भी इस बात के लिए तैयार हो जाना चाहिए। लेकिन यहां पर शिवपाल ये भी कहना नहीं भुले कि राज्य में सीएम अखिलेश यादव ही होंगे। शिवपाल ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि उन्हें प्रदेश का सीएम बनना है। बल्कि वह अखिलेश के लिए ही कहते थे कि उन्हें प्रदेश का सीएम होना चाहिए। लिहाजा प्रदेश का अगला सीएम अखिलेश ही होंगे। 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजनैतिक संकट से जूझ रहे समाजवादी पार्टी के बागी विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ मिलकर राजनीति करने के लिए तैयार हो  गए हैं। शिवपाल का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि अभी तक शिवपाल अखिलेश के प्रस्तावों को दरकिनार कर रहे थे।

फिलहाल शिवपाल सिंह के इस यू टर्न से सपा भी सकते में है। क्योंकि अभी तक शिवपाल सिंह यादव अखिलेश यादवों के प्रस्तावों को लेकर काफी सख्त थे। लेकिन अब शिवपाल अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर मुलायम हैं। शिववाल ने इटावा में बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह वे सपा से गठबंधन को तैयार हैं। लिहाजा अब अखिलेश को भी इस बात के लिए तैयार हो जाना चाहिए। लेकिन यहां पर शिवपाल ये भी कहना नहीं भुले कि राज्य में सीएम अखिलेश यादव ही होंगे।

शिवपाल ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि उन्हें प्रदेश का सीएम बनना है। बल्कि वह अखिलेश के लिए ही कहते थे कि उन्हें प्रदेश का सीएम होना चाहिए। लिहाजा प्रदेश का अगला सीएम अखिलेश ही होंगे। शिवपाल  ने कहा कि अब अखिलेश यादव को भी मान जाना चाहिए और इसी के दम पर हम एक बार फिर 2022 में प्रदेश में सरकार भी बना लेंगे। असल में सपा 22 नवंबर को प्रदेश में मुलायम सिंह का जन्मदिवस मना रही है। जिसके लिए शिवपाल परिवार के लोगों को एकजुट कर रहे रहे हैं।

शिवपाल सिंह का आज का बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि अभी तक शिवपाल यादव इस बात को लेकर अड़े थे कि प्रसपा का सपा में विलय नहीं होगा। जबकि  सपा की तरफ से उन्हें इसके लिए प्रस्ताव दिया गया था।  लेकिन अब शिवपाल का अखिलेश के प्रति नरम होना, कई राजनैतिक सवाल छोड़ रहा है। उधर शिवपाल ने अखिलेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अभी भी सपा के विधायक हैं। लेकिन उन्हें पार्टी की बैठकों में आमंत्रित नहीं किया जाता है।

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