सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों को कहा गया है कि वह पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सलाह-मशविरा करें। वह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं। लिहाजा उन्हें तवज्जो दी जाए। असल में ये कहा जा रहा है कि पार्टी में एक गुट ने राहुल गांधी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद उनके करीबियों को किनारे करना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के नेताओं को फरमान सुनाया है कि वह राहुल गांधी की अनदेखी ना करें। सोनिया ने कांग्रेस के नेताओं से कहा कि वह राहुल गांधी से सलाह मशविरा करें। असल में सोनिया का फरमान उस वक्त आया है। जब कांग्रेस में इस बात पर चर्चा चल रही है कि राहुल गांधी को कांग्रेस में उपेक्षित किया जा रहा है।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों को कहा गया है कि वह पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सलाह-मशविरा करें। वह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं। लिहाजा उन्हें तवज्जो दी जाए। असल में ये कहा जा रहा है कि पार्टी में एक गुट ने राहुल गांधी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद उनके करीबियों को किनारे करना शुरू कर दिया है।
हालांकि इस बात में सच्चाई भी है। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के करीबियों को सोनिया ने किनारा करना शुरू कर दिया है। लिहाजा जो राहुल समर्थक नेता थे। वह पार्टी में किनारे हो गए हैं। वहीं पार्टी में वरिष्ठ और बुजुर्ग नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। लिहाजा पार्टी के भीतर किसी भी तरह का गलत संदेश न जाए, लिहाजा सोनिया गांधी ने नेताओं को इसके लिए आदेश दिया है। पार्टी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी पार्टी की बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
वहीं राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू, अजय कुमार, अशोक तंवर और मिलिंद देवड़ा पार्टी में किनारे हैं। जबकि अजय कुमार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और दिल्ली में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अब पार्टी के भीतर कई नेताओं ने ये बात खुलकर कह रहे हैं कि राहुल के करीबी होने से उन्हें पुराने नेता अलग-थलग कर रहे हैं।