बीजेपी हाल ही में तीन राज्यों छत्तीसगढ़,राजस्थान और मध्यप्रदेश की सत्ता गंवाने के बाद चुनावी रणनीति पर गंभीरता से मंथन कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बड़े पैमाने पर राज्यों के प्रभारी और सह प्रभारी को बदल दिया है।
नई दिल्ली-- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी में बड़े पैमाने पर मंथन जारी है। इसके साथ ही बीजेपी ने साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभी से तैयारी में जुट गई है।
बीजेपी हाल ही में तीन राज्यों छत्तीसगढ़,राजस्थान और मध्यप्रदेश की सत्ता गंवाने के बाद चुनावी रणनीति पर गंभीरता से मंथन कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बड़े पैमाने पर राज्यों के प्रभारी और सह प्रभारी को बदल दिया है।
बीजेपी ने 17 राज्यों में और चंडीगढ़ में प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इनकी नियुक्ति की है। कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के लिए गोवर्धन झडापिया, दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा को जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से राज्य का प्रभार ले लिया गया है और उनकी जगह स्वतंत्र देव को इंचार्ज बनाया गया है।
इनके अलावा श्याम जाजू से भी उत्तराखंड के प्रभारी का कार्यभार ले लिया गया है और उनकी जगह थावर चंद गहलोत को प्रभारी बनाया गया है। पंजाब और चंडीगढ़ की जिम्मेदारी कैप्टन अभिमन्यु को दी गई है।
वहीं ओम प्रकाश माथुर को प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात की जिम्मेदारी सौंपी है। बिहार की जिम्मेदारी भूपेंद्र यादव को दी गई है तो राजस्थान की जिम्मेदारी प्रकाश जावड़ेकर और सुधांशु त्रिवेदी को दी है।
गौरतलब है बीजेपी ने इन तीन राज्यों को खोने से पहले हुए चुनावों में ना सिर्फ कुछ राज्यों में जीत हासिल की बल्कि अपना जनाधार भी बढ़ाया था। वहीं कांग्रेसी खेमा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान को जीतकर खुशी और जोश से लबरेज नजर आ रहा है। बीजेपी बदले हुए माहौल के हिसाब अपनी रणनीति को और धारदार बनाने में लगी है।