भारत को एफ-21 विमान बेचने के लिए बेचैन हो रहा है अमेरिका, लेकिन यह सौदा नहीं आसान

By Team MyNationFirst Published May 14, 2019, 1:13 PM IST
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लड़ाकू विमान बनाने वाली दिग्गज अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन भारत को एफ-21 विमान बेचने के लिए इतनी आतुर है कि उसने कहा है कि अगर भारतीय वायुसेना उसके बनाए विमान खरीदती है तो वह किसी और देश को इसे नहीं बेचेगी।लेकिन ऐसा नहीं लगता कि भारतीय वायुसेना को यह विमान बेचने की कंपनी की यह मंशा इतनी आसानी से पूरी हो जाएगी।

नई दिल्ली: अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा है कि अगर भारतीय वायुसेना उसके बनाए एफ-21 विमान खरीदने के लिए तैयार होती है तो वह किसी और को यह जहाज नहीं बेचेगी। 

यही नहीं इस जहाज को भारतीय परिस्थितियों के मुताबिक उड़ान भरने के लिए विशेष रुप से तैयार किया गया है। 

कंपनी के स्ट्रैटेजी एंड बिजनेस डेवलपमेंट के उपाध्यक्ष विवेक लाल ने कहा है कि नए एफ-21 लड़ाकू विमान को भारत के 60 से ज्यादा वायु सैनिक अड्डों से उड़ाने भर सकने की क्षमता को देखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें उत्कृष्ट इंजन मैट्रिक्स, इलेक्ट्रोनिक युद्ध सिस्टम और अतिरिक्त शस्त्र वाहक क्षमता विकसित की गई है। 

विवेक लाल ने भारत को आश्वस्त करते हुए कहा कि हम इस सिस्टम और विन्यास वाले जहाज दुनिया के किसी और देश किसी को नहीं देंगे। यह लॉकहीड मार्टिन का वादा है।

Vivek Lall, vice president of Aerospace and defence company 'Lockheed Martin' to ANI: American Lockheed Martin offers F-21 fighter Aircraft to India for its requirement for 114 multirole fighter planes. The plane would be offered to India and will be exclusively for this market pic.twitter.com/5jbZ4XC9pl

— ANI (@ANI)

लॉकहीड मार्टिन के इस बयान से दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत के संकेत दिखाई देते हैं। 

भारतीय वायुसेना ने पिछले ही महीने दुनिया में सबसे बड़ी कीमत 18 अरब डॉलर की निविदा जारी की है। जिसके तहत 114 लड़ाकू जेट खरीदे जाने की योजना है। 
लॉकहीड मार्टिन इस टेंडर को हथिया कर अपने अमेरिकी, यूरोपीय और रूसी प्रतिस्पर्धियों से आगे रहना चाहती है। 

 इस टेंडर को पाने की होड़ में लॉकहीड मार्टिन के अलावा अमेरिका की ही बोइंग, फ्रांस की दस्सॉ एविएशन(राफेल बनाने वाली कंपनी), यूरोफाइटर टाइफून, रूसी कंपनी मिग और साब की ग्रिपेन एक दूसरे को टक्कर दे रही हैं।

भारतीय वायुसेना को विमान बेचने का मौका हासिल करने के लिए लॉकहीड मार्टिन पीएम मोदी की महत्वकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ की शर्तें पूरी करने के लिए भी तैयार है। 
लॉकहीड मार्टिन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम मिलकर भारत में ही एफ-21 लड़ाकू विमानों की फैक्ट्री की योजना बना रहा है। 

एफ-21 विमानों का प्रदर्शन इसी साल फरवरी महीने में बेंगलुरु में हुए एयर शो में किया गया था। उस वक्त भी कंपनी ने घोषणा की थी कि इसमें भारतीय वायुसेना की जरुरतों के हिसाब से बदलाव किए गए हैं। 

हालांकि लॉकहीड मार्टिन ने भारत के सामने जो ऑफर रखा है वह उपर से देखने में बेहद आकर्षक लग रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकहीड का यह कथित नया एफ-21 विमान पुराना एफ-16वी विमानों से अलग नहीं है जो कि बहरीन, ग्रीस, स्लोवाकिया, दक्षिण कोरिया और ताईवान के पास पहले से ही है। 

जबकि लॉकहीड मार्टिन की प्रतिद्वंदी अमेरिका की ही बोइंग कंपनी ने एयरो इंडिया शो के दौरान इससे चुटकी ले ली थी। 

Combat Proven, Future Ready, and still called the F/A-18 Super Hornet. ;-)
Catch them here at
MORE: https://t.co/348oYdTR3L pic.twitter.com/cbIHRCeHco

— Boeing India (@Boeing_In)


लॉकहीड के सामने दूसरी मुश्किल यह है कि पाकिस्तान के पास पहले से ही एफ-16 विमानों का जखीरा है। विशेषज्ञों ने यह भी सवाल उठाया है कि हाल ही में विंग कमांडर अभिनंदन ने दशकों पुराने अपने रुसी मिग-21 से पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया था। लॉकहीड मार्टिन जो कि अपने विमान की तारीफों के पुल बांध रही है, उसे इसका जवाब भी देना पड़ेगा।  

ऐसा बताया जा रहा है कि एफ-21 विमान पुराने एफ-16 ब्लॉक 70 कॉम्बैट जेट की ही तरह हैं। लेकिन कंपनी के अधिकारी विवेक लाल के मुताबिक यह दोनों विमान एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। उदाहरण के तौर पर एफ-16 की एयर फ्रेम सर्विस लाइफ 12 हजार घंटे है। जबकि पुराने एफ 16 ब्लॉक 70 की एयर फ्रेम सर्विस लाइफ 8 हजार घंटे है। इसमें चालीस फीसदी ज्यादा हथियार लादे जा सकते हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम विशेष रुप से भारतीय परिस्थितियों के मुताबिक लगाया गया है। 

लाल ने बताया कि ‘इसका कॉकपिट ज्यादा आधुनिक है जो कि सूचनाओं का विश्लेषण ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकता है। इसमें लांग रेंज इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक(आईआरएसटी) है, जो कि आने वाले खतरे के बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से सूचना देता है। इसमें ट्रिपल मिसाइल लांचर एडेप्टर(टीएमएलए) लगे हुए हैं जो कि चालीस फीसदी ज्यादा हवा से हवा में मार करने वाले हथियार लाद सकते है।’

यह दूसरा मौका है जब लॉकहीड मार्टिन ने भारतीय वायुसेना को विमान बेचने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले लॉकहीड मार्टिन एफ-16 ब्लॉक 70 मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयर क्राफ्ट भारतीय वायुसेना को बेचने की कोशिश कर चुका है। 


 

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