बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 2 मार्च की देर शाम जारी कर दी इस लिस्ट के जारी होने के बाद घोषित उम्मीदवारों के नाम को लेकर बहस बाजी छड़ गई है। सबके बीच दो ऐसे सिटिंग सांसद चर्चा में आ गए हैं। जिनका टिकट इस बार बीजेपी ने काट दिया है।
नई दिल्ली। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 2 मार्च की देर शाम जारी कर दी इस लिस्ट के जारी होने के बाद घोषित उम्मीदवारों के नाम को लेकर बहस बाजी छड़ गई है। सबके बीच दो ऐसे सिटिंग सांसद चर्चा में आ गए हैं। जिनका टिकट इस बार बीजेपी ने काट दिया है। अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले इन दोनों सांसदों के टिकट कटने की वजह भी उनका विवादित नेचर ही माना जा रहा है। इनमें भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी का नाम प्रमुख रूप से है।
कैसरगंज सीट से भी बदल सकता है कैंडिडेट
इन दोनों सांसदों का टिकट काटकर बीजेपी ने पार्टी के अंदर और बाहर विवादित बयान देने वालों को एक तगड़ा संदेश दिया है। कुश्ती संघ के पहलवानों के आरोप के बाद विवादों में आए बृजभूषण शरण सिंह के टिकट पर भी खतरे की घंटी बज रही है। हालांकि अभी वहां से उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। लेकिन चर्चा है कि कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण का टिकट इस बार पार्टी काट सकती है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों ने कटवा दिया टिकट
मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद शादी प्रज्ञा ठाकुर एक चर्चित चेहरा रही है। लेकिन वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर पार्टी ने आलोक शर्मा को नया उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2008 में मुंबई के मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर केस चला था। बावजूद इसके बीजेपी ने उन्हें वर्ष 2019 में भोपाल से टिकट देकर सांसद बनाया था। जिस पर खासी प्रतिक्रियाएं भी आई थी और हैरानी भी जताई गई थी। सांसद बनने के बाद भी प्रज्ञा ठाकुर अपने विवादित बयानों से बाज नहीं आई। विशेषज्ञों का मानना है कि साध्वी प्रज्ञा का यही रवैया ही उनको इस बार संसद की चौखट पर पहुंचने से रोक दिया और आलोक शर्मा को पार्टी ने टिकट थमा दिया।
बीएसपी सांसद पर टिप्पणी ने रमेश बिधूड़ी को पड़ी भारी
दूसरे सांसद दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी का नाम है। इस बार रमेश की जगह रामवीर सिंह विधूड़ी को पार्टी ने दक्षिणी दिल्ली से उतरा है। रमेश के टिकट काटने के पीछे भी उनका विवादित तेवर ही माना जा रहा है। लोकसभा कार्रवाई के दौरान पिछले साल सितंबर महीने में सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके बयान के बाद लोकसभा अध्यक्ष एवं बिरला ने उन्हें सख्त चेतावनी दी थी और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने को कहा था। जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी रमेश बिधूड़ी का बयान पसंद नहीं आया था। इसीलिए उनका टिकट कट गया।
विवादित रहे टेनी, साक्षी, कृपा पर जताया पार्टी ने भरोसा
हालांकि भारतीय जनता पार्टी विवादित नेताओं से पूरी तरह दूरी नहीं बन पाई है। इस बार भी कृपा शंकर सिंह, साक्षी महाराज और अजय मिश्र टेनी जैसे विवादित चेहरों को पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। जिसके पीछे अलग-अलग वजह बताई गई हैं। विशेषज्ञों के माने तो इन विवादित चेहरों को इसलिए टिकट दिया गया है क्योंकि इनका विवाद से सीधा नाता बहुत कम है। जहां तक अजय मिश्र टेनी का सवाल है तो उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। उन पर सीधा आरोप नहीं है। साक्षी महाराज पर कोई केस नहीं है, दूसरी तरफ जौनपुर से प्रत्याशी घोषित किए गए कृपाशंकर सिंह भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी जरूर हैं, लेकिन उनका चेहरा इतना चर्चित नहीं है।
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