असम में फिर साथ आए भाजपा और असम गण परिषद, मिलकर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

By Team MyNation  |  First Published Mar 13, 2019, 1:07 PM IST

 भाजपा महासचिव राम माधव ने एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा से हुई मुलाकात के बाद कहा,  कांग्रेस को हराने के लिए पहले के सहयोगी फिर से साथ आ गए हैं।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक के मुद्दे पर दो महीने पहले भाजपा से अपने संबंध समाप्त करने के बाद असम गण परिषद (एजीपी) एक बार फिर भगवा दल के साथ आ गई है। अब वो मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। भाजपा महासचिव राम माधव, एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा और अन्य ने मंगलवार देर रात चली बैठक में गठबंधन को अंतिम रूप दिया। 

बुधवार सुबह भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी राम माधव ने ट्वीट किया, ‘बैठक के बाद भाजपा और अगप ने आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए साथ काम करने का निर्णय लिया है।' 

After discussion, BJP and AGP have decided to work together in the coming Parliament election in Assam to defeat Congress. Announced it at Guwahati in d presence of Himanta Biswa Sarma of BJP and Atul Bora and Keshav Mahanta of AGP. BPF will be d 3rd partner in d alliance. pic.twitter.com/QxVG9fbwXS

— Ram Madhav (@rammadhavbjp)

उन्होंने कहा, ‘गुवाहाटी में भाजपा के नेता हेमंत विश्व शर्मा और अगप के अतुल बोरा और केशव महंत की उपस्थिति में यह घोषणा हुई।’ माधव ने बताया कि गठबंधन में तीसरा सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) है।

गठबंधन के बाद बोरा ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस को हराने के लिए पहले के सहयोगी फिर से साथ आ गए हैं। हालांकि एजीपी प्रमुख ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक और चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर पार्टी के रुख को लेकर पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

अगप ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर कदम उठाने को लेकर असम में भाजपा सरकार से अपना समर्थन जनवरी में वापस ले लिया था। इस विधेयक में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के गैर मुस्लिम लोगों को भारत में छह साल तक रहने के बाद नागरिकता देने की बात कही गई है। इसका विरोध करते हुए अगप ने सार्वजनिक तौर पर भाजपा नेतृत्व की आलोचना की थी।

असम में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 14 सीटों में से सात पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने तीन-तीन सीटों पर जीत दर्ज की। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली थी। बीपीएफ और अगप का कोई उम्मीदवार जीत नहीं पाया था।

वहीं, राज्य में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा, अगप और बीपीएफ ने मिलकर चुनाव लड़ा था और 2001 से राज्य की सत्ता पर लगातार काबिज कांग्रेस को हराया था।
 

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