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Loksabha Election 2024: अखिलेश यादव पर क्यों फायर हुए ओपी राजभर ?

Anshika Tiwari |  
Published : Aug 22, 2023, 11:47 AM ISTUpdated : Aug 22, 2023, 11:50 AM IST
Loksabha Election 2024: अखिलेश यादव पर क्यों फायर हुए ओपी राजभर ?

सार

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से ज्यादा सुर्खियों में सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर हैं। जिन्होंने मिशन 2024 के लिए बीजेपी का दामन थाम लिया है और जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। एक बार फिर उनके बयान से सियासी उथल-पुथल मच गई है।

न्यूज डेस्क । लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है। सभी बड़ी पार्टियों के साथ क्षेत्रीय दल भी सियासी गुणा-भाग लगाने में लगे हैं। 80 सीटों के साथ उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव का केंद्र बिंदु हैं। हर पार्टी इस बात से वाकिफ है, केंद्र का रास्ता यूपी से होकर जाता है। इसलिए हर कोई अलग-अलग प्रयासों से जनता को लुभाने में लगा हुआ है। हालांकि इन दिनों सूबे में सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से ज्यादा सुर्खियां सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर बटोर रहे हैं। राजभर ने मिशन 2024 के लिए बीजेपी का दामन थाम लिया है और अब जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। एक बार फिर उनके बयान से सियासी उथल-पुथल मच गई है।

समाजवादी पार्टी पर बरसे ओपी राजभर

गौरतलब है, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए पिछले, दलित और अपल्संख्यक (PDA) का फॉर्मूला दिया है। इस बारे में ओपी राजभर का बयान सामने आया है और इसे उन्होंने छलावा बताया है। राजभर का आरोप है, समाजवादी पार्टी ने शुरू से ही पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को ठगने का काम किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अब समाप्तवादी पार्टी बनती जा रही है। 

सम्मेलन के जरिए वोटर्स को साध रहे अखिलेश यादव 

बीत चुनावों में मिली करारी हार के बाद सपा प्रमुख ने सम्मेलनों के जरिए कई जातियों को साधने का प्लान तैयार किया है। रविवार को जहां लखनऊ में महासम्मेलन का आयोजन कर कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य समुदाय को अपने साथ जोड़ने पर खास ध्यान रखा गया। इसी तरह सपा ने क्षत्रिय वोट के लिए सामाजिक एकीकरण सम्मेलन आयोजित करने का ऐलान किया है। सम्मेलन की शुरुआत 3 सितंबर से लखीमपुर में होगी। जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी भाग लेंगे। 

 कभी अखिलेश के साथ चुनावी मैदान में थे राजभर

एक वक्त ऐसा भी था जब ओपी राजभर अखिलेश यादव के साथ मैदान में उतरे थे। साल 2022 के विधानसभा चुनावों के ठीक पहले ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए का दामन छोड़ समाजवादी पार्टी का हाथ थाम लिया था और अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बीजेपी को चुनाव हराने की सियासी रणनीति बनाई थी लेकिन चुनावी परिणाम में बीजेपी को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ। इसके बाद अखिलेश और राजभर में दूरियां आ गईं और राजभर ने गठबंधन से अलग होने का फैसला किया। एक बार फिर वह पुराने साथी रहे एनडीए संग लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने जा रहे हैं। 

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