- लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने दूसरों के लिए एक उदाहरण पेश किया। 40 साल की सेवा के बाद बुधवार को हुई सेवानिवृत्त।
ऐसे समय जब अधिकारियों को सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग करते देखना आम बात है, सेना के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टॉफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने दूसरों के लिए एक उदाहरण पेश किया है। लेफ्टिनेंट जनरल दुआ 40 साल की सेवा के बाद बुधवार को सेना से रिटायर हो गए। अपने सेवाकाल के आखिरी दिन वह किसी सरकारी गाड़ी से घर नहीं गए बल्कि उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल से जाना बेहतर समझा।
वह तीनों सेनाओं की इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टॉफ के प्रमुख थे। लेकिन रिटायरमेंट की शाम को उनका इस तरह अपने घर जाना चर्चा में है। पूर्व डीजीएमओ और लेफ्टिनेंट जनरल दुआ के सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने ट्वीट किया, 'चार दशक तक देश और सेना की सेवा करने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल दुआ रिटायर हो गए हैं। अपनी जिम्मेदारी खत्म होने के बाद वह अपनी बाइक से घर गए। न कोई कर्मचारी, न स्टॉफ। राष्ट्रीय सुरक्षा में आपके अनेक योगदान के लिए सलाम। आप एक सम्मानित सैन्य अफसर और सैनिक तथा महान रोल मॉडल हैं।'
Lt Gen Satish Dua hangs his boots after four decades service to nation & army
Riding home on his bike after handing over, no staff no staff car Salute you soldier for your many contributions to nations security, well regarded& respected military leader &soldier a great role model pic.twitter.com/zoOyhRPhrR
दुआ ने सेना के अपने सभी रिटायर अधिकारियों के सामने उदाहरण रखा है। हाल ही में सेना ने रिटायर सैन्य अधिकारियों के घरों में सहायक का काम करने वाले 2000 सैनिकों को वापस बुला लिया था। राष्ट्रीय राजधानी के आसपास रहने वाले कई पूर्व अधिकारियों ने ही सेना के श्रमबल का दुरुपयोग होने की शिकायत सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से की थी। साथ ही कहा था कि इन लोगों को गलत तरीके से रिटायर अधिकारियों के घरों पर तैनाती दी गई है।