जीएसटी लागू करने के फायदे अब दिखने लगे हैं। अप्रैल से सिंतबर तक की छमाही में सरकार को जीएसटी से 100710(एक लाख सात सौ दस) करोड़ का रेवेन्यू आया है।
जीएसटी लागू होने के बाद दूसरी बार रेवेन्यू कलेक्शन एक लाख करोड़ के पार पहुंचा है। इससे पहले अप्रैल में सरकार को जीएसटी से 1.03 लाख करोड़ रुपए मिले थे। जिसके बाद इस अक्टूबर में 100710 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ। जबकि सितंबर 2017 में यह कलेक्शन 94,442 करोड़ रुपए का था।
सरकार को 2018 के नवंबर-दिसंबर तक जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जाने की उम्मीद थी। लेकिन इससे पहले अक्टूबर में ही उसे कामयाबी मिल गई।
अक्टूबर में जमा हुए 100710 करोड़ रुपए में से सीजीएसटी 16464 करोड़, एसजीएसटी 22826 करोड़, आईजीएसटी 53419 करोड़ और सेस 8000 करोड़ का है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि जीएसटी की कम दरों, देशभर में एक टैक्स की व्यवस्था और दूसरे टैक्स सुधारों की वजह से यह कामयाबी मिली।
GST collections for October 2018 have crossed Rs. 1 lakh crore. The success of GST is lower rates, lesser evasion, higher compliance, only one tax and negligible interference by taxation authorities.
— Arun Jaitley (@arunjaitley)वर्ल्ड बैंक ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी के जरिए आया है।
पिछले साल की रैंकिंग में जीएसटी को शामिल नहीं किया गया था। जीएसटी ने नए कारोबार स्थापित करने की राह को आसान बना दिया है। क्योंकि इसमें कई सारे एप्लीकेशन फॉर्म को इकट्ठा करके एक अकेले आवेदन में समाहित कर दिया गया है। इससे कंपनी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज और आसान हुई है।