सेना में 'बगावत' की फेक न्यूज फैलाने की नापाक कोशिश, रिपब्लिक टीवी को भी बनाया निशाना

By Team MyNationFirst Published Mar 6, 2019, 2:36 PM IST
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 एक ट्विटर हैंडिल से ट्वीट कर दावा किया गया कि '21 सिख रेजीमेंट ने भारत के लिए लड़ने से मना कर दिया है।' एक पत्रकार ने फर्जी खबर को रीट्वीट करने के बाद टाइमलाइन से हटाया।

पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर भारतीय वायुसेना के हवाई हमले के बाद जहां पूरा देश एकजुट है और सुरक्षा बलों का जोश हाई है,  कुछ फर्जी न्यूज फैलाने वाले सक्रिय हो गए हैं। ऐसे लोगों ने रिपब्लिक टीपी का एक स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर फैलाने की कोशिश की है। इसमें एक न्यूज फ्लैश होते दिखाई जा रही है। इसमें कहा गया है कि '21 सिख रेजीमेंट ने भारत के लिए लड़ने से मना कर दिया है।' यह महज फेक न्यूज नहीं बल्कि भारत के सैनिकों को हतोत्साहित करने और उनकी बहादुरी को कमतर दिखाने का नापाक प्रयास है। इसके साथ ही एक मीडिया संस्थान की विश्वसनीयता पर भी हमला किया गया है। 

प्रियादर्शी नाम के एक ट्विटर हैंडिल से ट्वीट किया गया, 'क्या हमें दुश्मनों की जरूरत है? ऐसा ही होता है जब हमारी सेना का राजनीतिकरण होता है, , जो अभी तक नहीं हुआ। @Republic सिख रेजीमेंट ऐसा सैन्य बल है जिसे संभवतः विश्व में सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार, युद्ध सम्मान मिले हैं। गद्दारों तुम्हें शर्म आनी चाहिए।' 

दरअसल, यह न सिर्फ बदनीयत से फैलाई गई फेक न्यूज का एक छोटा सा हिस्सा है बल्कि भारत के लिए इसके बड़े घातक परिणाम हो सकते हैं। 

हैरानी की बात यह है कि इस ट्वीट को बड़े मीडिया संस्थान की एक पत्रकार ने भी रीट्वीट किया। यह पत्रकार खुद फेक न्यूज के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा करती है। हालांकि कुछ समय बाद ट्वीट इस पत्रकार की टाइमलाइन से हटा दिया गया। संभवतः ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पत्रकार को आभाष हो गया था कि वह इस में रंगे हाथ पकड़ी गई है। 'माय नेशन' के पास इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट है, जो यह दर्शाता है कि इस ट्वीट को 36 मिनट के अंदर 49 रीट्वीट किया गया। इसे 49 लोगों ने लाइक किया और 23 ने इस पर टिप्पणी भी की।  

इस संबंध में पूछे जाने पर रिपब्लिक टीवी के एडीटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने 'माय नेशन' से कहा, 'मैं इस बात से हैरान हूं कि कुछ तथाकथित पत्रकार पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित दुष्प्रचार को भारत में फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह जानना चाहता हूं कि कैसे उन्हें पाकिस्तानी सेना द्वारा फैलाई जा रही इस तरह की दुष्प्रचार सामग्री मिल जाती है।'

 

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