ममता बनर्जी तीन दिनों से पूर्व मेदिनीपुर जिले के दौरे पर हैं यहां वहह लोगों से जनसंपर्क कर रहीं हैं। इसी दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दीघा के पास स्थित दत्तापुर गांव के चाय की दुकान पर पहुंची। उन्होंने दुकान में चाय बनाई और लोगों को पिलाई। यही नहीं उन्होंने चाय बनाने के बाद इसे लोगों के साथ बैठकर पिया। लोगों को फिलहाल ममता बनर्जी का ये बदला रूख समझ में नहीं आ रहा है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक बुधवार को चाय की दुकान में गई। यही नहीं ममता बनर्जी राज्य में जनसंपर्क अभियान के जरिए जनता से संपर्क साध रही है। लेकिन ये सब अचानक क्यों हो रहा है। असल में ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा के लिए रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपना सलाहकार नियुक्त किया है। जो ममता के लिए रणनीति तैयार कर रहे और इसी रणनीति के तहत ममता बनर्जी चाय की दुकान पर पहुंची और लोगों से बातचीत की।
ममता बनर्जी तीन दिनों से पूर्व मेदिनीपुर जिले के दौरे पर हैं यहां वहह लोगों से जनसंपर्क कर रहीं हैं। इसी दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दीघा के पास स्थित दत्तापुर गांव के चाय की दुकान पर पहुंची। उन्होंने दुकान में चाय बनाई और लोगों को पिलाई। यही नहीं उन्होंने चाय बनाने के बाद इसे लोगों के साथ बैठकर पिया। लोगों को फिलहाल ममता बनर्जी का ये बदला रूख समझ में नहीं आ रहा है।
असल में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का साथ मिला है। ममता और प्रशांत किशोर के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी है और इसी के बाद प्रशांत किशोर को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए ममता ने अपना सलाहकार नियुक्त किया है।
पिछले दिनों भाजपा ने आरोप लगाया था कि प्रशांत किशोर राज्य सरकार की सरकारी कामकाजों में दखल दे रहे हैं। वहीं अब प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसी रणनीति के तहत ममता बनर्जी राज्य में जनसंपर्क अभियान शुरू कर रही है और लोगों से मिल रही है।
इस रणनीति के तहत वह चाय की दुकानों में जा रही हैं और लोगों से मिल रही हैं। माना जाता है कि चाय और पान की दुकानों में होनें वाली चर्चाएं चुनाव के लिए काफी अहम मानी जाती हैं। लिहाज ममता बनर्जी इसी रणनीति के तहत चाय की दुकान में गई।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। लोकसभा चुनाव में टीएम महज 22 सीटों पर सिमट गई है। जबकि भाजपा को राज्य में 18 सीटें मिली हैं। वहीं राज्य में ममता बनर्जी के विधायक और नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं। जिसके कारण ममता बनर्जी घबराई हुई हैं।