ममता vs सीबीआईः राज्यपाल ने भेजी रिपोर्ट, आईपीएस अफसरों पर इन सेक्शनों के तहत कार्रवाई संभव

By Team MyNationFirst Published Feb 4, 2019, 4:59 PM IST
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- कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुख्य रूप से दो सेक्शन के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इन अधिकारियों को सेवा से निलंबित भी किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल में ममता बनाम सीबीआई की लड़ाई में कथित तौर पर लिप्त आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय गृहमंत्रालय कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। पूरे विवाद के केंद्र में आए कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुख्य रूप से दो सेक्शन के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इन अधिकारियों को सेवा से निलंबित भी किया जा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार को कोई भी कदम उठाने के लिए राज्य सरकार की ओर से आरोपी अफसरों के व्यवहार के खिलाफ रिपोर्ट की दरकार होगी। गृहमंत्रालय ने राज्य से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है। पश्चिम बंगाल में सीबीआई और ममता सरकार के ताजा विवाद को लेकर राज्य के गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी ने एक गोपनीय रिपोर्ट तैयार करके गृह मंत्रालय को भेजी है। 

A confidential report prepared by West Bengal Governor Keshari Nath Tripathi has been sent to Ministry of Home Affairs (MHA). pic.twitter.com/0EABf5A4qM

— ANI (@ANI)

अखिल भारतीय सेवा नियमावली के इन दो सेक्शन के आधार पर केंद्र सरकार सरकार आरोपी अफसरों के  खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। 

सेक्शन 5: राजनीति गतिविधियों में शामिल होना

अगर कोई भी आईपीएस अधिकारी सीधे तौर पर राजनीतिक रस्साकशी में शामिल होता है और राजनेताओं के साथ मंच साझा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में आरोपी अफसर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीतिक गतिविधि में शामिल नजर आ रहे हैं, ऐसे साबित होने पर उन पर इस सेक्शन का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई हो सकती है। 

यह सेक्शन कहता है कि 'कोई भी सेवारत अधिकारी किसी भी ऐसे दल या संगठन से नहीं जुड़ सकता जो राजनीति में शामिल है। या किसी दल से किसी भी तरह से जुड़ा हो अथवा उसकी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में मदद करता हो। अधिकारी न तो इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, न ही किसी दूसरे प्रकार से किसी भी राजनीतिक गतिविधि अथवा आंदोलन में मदद कर सकते हैं।'  यह सेक्शन अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों को इस तरह की गतिविधियों में हिस्सा लेने अथवा किसी भी तरह की मदद करने से रोकता है।  अगर कोई अधिकारी ऐसा करने में नाकाम रहता है तो उसे तुरंत इसकी रिपोर्ट सरकार को देनी होती है। सेक्शन 5(3) कहता है, 'इस  नियम के दायरे में अगर किसी भी गतिविधि को लेकर सवाल उठते हैं तो सरकार को फैसला लेने को कहा जाता है।'

सेक्शन 7: धरना और हड़ताल

इस मामले में पश्चिम बंगाल के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नेताओं के साथ बैठे दिखाई दिए हैं। यह सबकुछ केंद्र सरकार के खिलाफ ममता बनर्जी के धरने के दौरान हुआ। यह अखिल भारतीय सेवा नियमावली के सेक्शन 7 का उल्लंघन नजर आता है। इस सेक्शन के मुताबिक, कोई भी सेवारत सरकारी अधिकारी किसी ऐसे प्रदर्शन अथवा धरने में शामिल नहीं हो सकता जो देश के एकता और अखंडता से जुड़े हितों के खिलाफ हो।

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