बच्चा चोरी के आरोपी मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के चाइल्ड होम्स की जांच के आदेश

झारखंड के रांची में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात शिशु को बेचने का आरोप लगने के बाद दिया है। साथ ही मंत्रालय को कहा है कि देशभर के ऐसे चैरिटी केयर होम्स की जांच की जाए कि वहां पर क्या हालात हैं।
 

Maneka Gandhi orders inspection of Missionaries of Charity child-care homes across country

केन्द्र सरकार ने देशभर में 'मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी' के चाइल्ड होम्स की तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सभी राज्य सरकारों को ये आदेश दिए।
 
मेनका गांधी ने यह आदेश झारखंड के रांची में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात शिशु को बेचने का आरोप लगने के बाद दिया है। साथ ही मंत्रालय को कहा है कि देशभर के ऐसे चैरिटी केयर होम्स की जांच की जाए कि वहां पर क्या हालात हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक मेनका ने राज्यों को चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन के पंजीकरण और महीने भर के भीतर केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण से जोड़ने निर्देश दिया है। किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम 2015 के तहत चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में पंजीकरण व CARA से जोड़े जाने की अनिवार्यता है।
 
यह अधिनियम 2 साल पहले लागू किया गया था, लेकिन कुछ अनाथालय इसकी वैधता को अदालत में चुनौती भी दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट खारिज़ कर चुका है। साथ ही साल 2015 के अधिनियम की वैधता को अपने दिसंबर 2017 के आदेश में बरकरार रखा है।

इसके बाद से करीब 2,300 चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को CARA से जोड़ा गया है और करीब चार हजार चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को इससे जोड़ा जाना बाकी है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में 5850 बालगृह पंजीकृत हैं तो 1339 बालगृह बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। एनसीपीसीआर का कहना है कि केरल में 26 बालगृह पंजीकृत हैं, जबकि 1165 बालगृह बिना पंजीकरण के चल रहे हैं।

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