मनोज सिन्हा कभी थे यूपी में सीएम के दावेदार, अब बने जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल

By Team MyNationFirst Published Aug 6, 2020, 11:23 AM IST
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राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद केन्द्र सरकार ने मनोज सिन्हा को ये जिम्मेदारी सौंपी है। लगभग नौ महीने तक जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल की कमान संभालने वाले मुर्मू नए नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) होंगे।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया है। राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद केन्द्र सरकार ने मनोज सिन्हा को ये जिम्मेदारी सौंपी है। लगभग नौ महीने तक जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल की कमान संभालने वाले मुर्मू नए नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) होंगे। मुर्मू ने अनुच्छेद 370 हटने की पहली वर्षगांठ के दिन अपना त्यागपत्र केन्द्र सरकार को सौंपा दिया है।

उपराज्यपाल मुर्मू ने बुधवार को दिनभर सरकारी कामकाज किया और राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने की पहली वर्षगांठ पर दिन भर राज्य  के अफसरों से राज्य का हालत का जाएजा लेते रहे। लेकिन देर शाम को उन्होंने प्रशासनिक परिषद की बैठक की अध्यक्षता के बाद इस्तीफा केन्द्र सरकार को भेज दिया। असल में राज्य में इससे पहले सत्यपाल मलिक ने राज्य को बेहतर तरीके से संभाला। क्योंकि राजनेता होने के कारण मलिक ने राज्य के सभी राजनैतिक दलों के साथ संबंध बनाए। लिहाजा राज्य में अब किसी राजनेता को राज्य में उपराज्यपाल बनाने की कवायद चल रही थी। वहीं चर्चा थी कि मुर्मू को केंद्र में भेजा जा सकता है और इसकी कवायद पिछले कई महीने से चल रही थी। हालांकि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में उन्हें हटाए जाने की चर्चा था लेकिन बाद में केन्द्र सरकार ने इन चर्चाओं पर विराम लगाया।

जम्मू कश्मीर के  उपराज्यपाल बनने से पहले से पहले 1985 बैच के आईएएस अफसर रहे मुर्मू गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके प्रधान सचिव रहे थे। वहीं राज्य के नए राज्यपाल मनोज सिन्हा केन्द्र में रेल राज्यमंत्री और दूरसंचार(स्वतंत्र प्रभार) रहे। लेकिन पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में वह गाजीपुर से लोकसभा चुनाव हार गए थे। मनोज सिन्हा का नाम 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद जारी हुए परिणाम के बाद उभरा था। ये भी कहा जाता है कि उन्होंने इसकी तैयारी कर ली थी। लेकिन अंतत तत्कालीन गोरखपुर से लोकसभा सांसद योगी आदित्यनाथ ने बाजी मारी और भाजपा ने उन्हें राज्य की कमान सौंपी।
 

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