गृहमंत्रालय ने चेताया, चार राज्यों में फिर से मजबूत हो रहे नक्सली...

First Published Jul 15, 2018, 4:51 PM IST
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नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्रालय ने ओडिशा और मध्य प्रदेश के तीन और जिलों को लाल आतंक संभावित सूची में डाला। महाराष्ट्र और ओडिशा में हुई हैं सबसे ज्यादा घटनाएं। 

देश के चार राज्यों महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और मध्यप्रदेश में नक्सली फिर मजबूत हो रहे हैं। ये राज्य नक्सलियों के लिए 'उपयुक्त स्थान' बनते जा रहे हैं। इन राज्यों में पिछले एक साल के दौरान नक्सली हिंसा में बढ़ोतरी देखने को मिली है। सूत्रों के अनुसार, ओडिशा और तेलंगाना पर सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। 

जमीन पर नक्सलियों की  बढ़ती गतिविधियों की सूचनाएं मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ओडिशा और मध्य प्रदेश के तीन नए जिलों को लाल आतंक संभावित क्षेत्रों की सूची में शामिल कर लिया है। गृह मंत्रालय ने स्थानीय खुफिया सूचनाओं के विश्लेषण करने के बाद ओडिशा के आंगुल और बोध तथा मध्य प्रदेश के मंडला को इसमें शामिल किया गया है। 

'माय नेशन' को मिले गृह मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, पिछले साल मई तक तेलंगाना में नक्सली हिंसा की कोई घटना नहीं  देखी गई थी। लेकिन इस साल मई तक राज्य में नक्सली हिंसा के आठ मामले सामने आए हैं। इनमें एक व्यक्ति की जान भी चली गई। इसी तरह मध्य प्रदेश में पिछले साल नक्सली हिंसा के सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया था लेकिन इस साल के पहले पांच महीनों में ही नक्सली यहां पांच वारदात कर चुके हैं। 

महाराष्ट्र और ओडिशा की स्थिति चिंताजनक है। दोनों राज्यों में नक्सली हिंसा में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। महाराष्ट्र में पिछले साल नक्सली हिंसा की 29 घटनाएं हुई थीं लेकिन इस साल 15 मई तक नक्सली 39 बार हिंसा की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। यह नक्सली घटनाओं में 25% की वृद्धि है। 

ओडिशा में भी इस साल नक्सली हिंसा की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। 2017 में राज्य में पहले पांच महीने में नक्सलियों ने 35 वारदात को अंजाम दिया। इस साल 15 मई तक यह संख्या 40 पहुंच गई है। 

नक्सली हमलों में हताहतों की संख्या हुई कम

अगर देश भर में नक्सलियों के हमलों पर नजर दौड़ाएं तो इनमें काफी कमी देखने को मिली है। यही नहीं नक्सली हमलों में सुरक्षा बलों को होने वाली जनहानि भी कम हुई है। पिछले साल की 363 घटनाओं के मुकाबले इस साल यह आंकड़ा 354 है। पिछले साल नक्सली हमलों में 141 लोगों और 79 सुरक्षाकर्मियों ने अपना जान गंवाई थी। इस साल 15 मई तक यह संख्या क्रमशः 97 और 66 है। (नई दिल्ली से अंकुर शर्मा की रिपोर्ट)

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