असल में पाकिस्तानी फौज समझ गई है कि देश में इमरान खान के खिलाफ माहौल बन रहा है। लिहाजा वह किसी भी तरह से इमरान खान का साथ नहीं देना चाहती है। अगर वह ऐसा करती है तो देश की जनता में सेना की नाकारात्मक छवि बनेगी। हालांकि पहले सेना ने मौलाना फजलुर रहमान को धमकी दी थी। लेकिन बाद में बदलते माहौल के बीच सेना ने इससे अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर चार दिन से इस्लामाबाद में डटे मौलाना फजलुर रहमान किसी भी हाल में इमरान खान से इस्तीफा चाहते हैं। अब तो सेना ने भी इमरान खान की मदद करने से इंकार कर दिया है। हालांकि मौलाना ने इमरान खान को 48 घंटे का वक्त दिया था। लेकिन इमरान खान ने इस्तीफा नहीं दिया। लेकिन इमरान खान के लिए सबसे बड़ा झटका ये है कि पाकिस्तानी फौज ने भी उनका साथ देने से मना कर दिया है।
असल में पाकिस्तानी फौज समझ गई है कि देश में इमरान खान के खिलाफ माहौल बन रहा है। लिहाजा वह किसी भी तरह से इमरान खान का साथ नहीं देना चाहती है। अगर वह ऐसा करती है तो देश की जनता में सेना की नाकारात्मक छवि बनेगी। हालांकि पहले सेना ने मौलाना फजलुर रहमान को धमकी दी थी। लेकिन बाद में बदलते माहौल के बीच सेना ने इससे अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि सेना भी इमरान खान से पीछा छुड़ाना चाहती है।
लिहाजा वह इस मामले में अब चुप हो गई है। हालांकि अभी तक इमरान खान ने इस्तीफा नहीं दिया है। सेना का इस मामले में तटस्थ हो जाना इमरान खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि पाकिस्तान में आम चर्चा ये है कि सेना और इमरान खान के बीच डील हो चुकी है और पाकिस्तानी सेना का हाथ इमरान खान को पीएम बनाने में रहा है। फिलहाल फौज द्वारा इस पूरे मामले में किनारा करने से विपक्षी दलों के भी हौसले बुलंद हुए हैं।
हालांकि अभी तक इमरान खान और मौलाना के प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। जबकि मौलाना इमरान खान के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। लिहाजा अब वह अपने प्लान बी को लागू करने की तैयारी में हैं। पिछले पांच दिनों से इस्लामाबाद बंद है और मौलाना ने धमकी दी है कि अगर इमरान खान इस्तीफा नहीं देते हैं तो पूरा पाकिस्तान बंद करेंगे। मौलाना का दावा है कि देश में हुए 2018 चुनाव में धांधली हुई थी और पाकिस्तान की सेना ने खान को समर्थन दिया था।