मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पर भी जमकर आरोप लगाए। लेकिन बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने पर मायावती ने अपनी हामी भर दी। लेकिन रविवार को सातवें चरण के मतदान के बाद आए एक्जिट पोल ने राज्य में मायावती और अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पोल ने इन दोनों के गठबंधन को कम सीटें दी हैं। जबकि इन दोनों दलों का अनुमान राज्य में पचास से ज्यादा सीटें जीतने का था।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने वाली बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती एक्जिट पोल से काफी घबरा गयी है। मायावती की आज दिल्ली में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अहम बैठक थी, लेकिन एक्जिट पोल के नतीजों के बाद उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी से मिलने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। अब मायावती चुनाव नतीजों के बाद इस पर आगे की रणनीति तय करेंगी।
असल में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लोकसभा चुनाव के छठे चरण से ही विपक्षी एकता की कोशिश में जुटे थे। शनिवार को उन्होंने लखनऊ में बीसएपी प्रमुख मायावती और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ बैठक की। इसी बैठक के बाद ये तय हुआ कि सोमवार को बीएसपी चीफ मायावती यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुकाकात करेंगी। इसके लिए चंद्रबाबू नायडू ने उन्हें मना लिया था। जबकि मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पर भी जमकर आरोप लगाए।
लेकिन बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने पर मायावती ने अपनी हामी भर दी। लेकिन रविवार को सातवें चरण के मतदान के बाद आए एक्जिट पोल ने राज्य में मायावती और अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पोल ने इन दोनों के गठबंधन को कम सीटें दी हैं। जबकि इन दोनों दलों का अनुमान राज्य में पचास से ज्यादा सीटें जीतने का था। जानकारी के मुताबिक आज मायावती को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिलना था।
लेकिन एक्जिट पोल के कारण उन्होंने अपनी बैठकों को टाल दिया है। मायावती ने अब 23 मई को आने वाले चुनाव नतीजों के बाद इन नेताओं से मिलने का कार्यक्रम रखेंगी। बहरहाल तेलगू देशम पार्टी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं। उन्होंने दिल्ली में राहुल गांधी, शरद यादव, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी और शरद पवार से मुलाकात कर चुनाव नतीजों बाद बनने वाली स्थितियों पर चर्चा की है।