बैंकों से कर्ज लेकर भागे मेहुल चोकसी ने छोड़ी भारत की नागरिकता, सरकार की मुश्किलें बढ़ीं

पिछले साल पंजाब नेशनल बैंक का करोड़ों रुपए लेकर भागे मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. लिहाजा अब देश से भागकर एंटीगुआ में बसने वाले मेहुल चोकसी को देश में लाना आसान नहीं होगा. इसके लिए पहले भारत सरकार को एंटीगुआ की सरकार से बात करनी होगी. 

Mehul choksi left Indian citizenship, Indian government will face problem to deport him

पिछले साल पंजाब नेशनल बैंक का करोड़ों रुपए लेकर भागे मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. लिहाजा अब देश से भागकर एंटीगुआ में बसने वाले मेहुल चोकसी को देश में लाना आसान नहीं होगा. इसके लिए पहले भारत सरकार को एंटीगुआ की सरकार से बात करनी होगी. अगर दोनों देशों के बीच संधि है तो उसे लाने में फिर भी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.

हजारों करोड़ रुपए लेकर देश से भागे विजय माल्या के मामले में भारत सरकार को सफलता मिली थी और सरकार पंजाब नेशनल बैंक से अरबों रुपए लेकर भागे मेहुल चोकसी और नीरव मोदी को भारत लाने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे. लेकिन अब मेहुल चोकसी को भारत लाना आसान न होगा. क्योंकि चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. ऐसा माना जा रहा है कि चोकसी ने अपना भारतीय पासपोर्ट को एंटीगुआ उच्चायोग में जमा करवा दिया है.

चोकसी ने अपने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 को कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा करा दिया है. इसके बाद उसके पास केवल एंटीगुआ की ही नागरिकता रहेगी. भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए चोकसी को 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ा है. इसकी पुष्टि विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना देकर की है. चोकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगुआ बताया है.

असल में अब भारत सरकार को उसे भारत लाने के लिए एंटीगुआ के कानून की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा. अगर वहां की अदालत उसे भारत लाने की अनुमति देती है तो उसे भारत लाने में समय लगेगा.विदेश मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक चोकसी ने उच्चायोग से कहा है कि उसने आवश्यक नियमों के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ली है और भारत की छोड़ दी है. भारतीय नागरिकता छोड़ने का सबसे बड़ा फायदा ये होगा की वह सीधे तौर पर प्रत्यर्पण की कार्रवाई से बच जाएगा.

वही इस मामले की सुनवाई 22 फरवरी को होनी थी. चोकसी के भारतीय नागरिकता छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि पीएनबी घोटाले का खुलासा होने से पहले ही मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी देश छोड़कर भाग गए थे. इस घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई कर रही है. हालांकि अभी तक दोनों की चार हजार करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है. दोनों के खिलाफ आर्थिक भगोड़ा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.

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