छत्तीसगढ़ में सीपीआई (माओवादी) के खिलाफ चल रही लडा़ई में अब प्रवासी निशाना बन सकते हैं। क्योंकि विभिन्न राज्यों से कोरोना संकट में प्रवासी राज्य में वापस आ रहे हैं। प्रवासी पैदल और छोटे रास्तों से अपने घरों की तहफ जा रहे हैं।
रायपुर। राज्य में विभिन्न राज्यों से राज्य में आ रहे प्रवासी नक्सल प्रभावित इलाकों में पैदल ही चल कर अपने घरों की तऱफ जा रहे हैं। लेकिन ये इनके लिए जानलेवा हो सकता है। क्योंकि राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों ने जमीन में आईईडी बिछाए हैं। जिसके कारण कभी ब्लाक हो सकते हैं। हालांकि सुरक्षा बलों इनकी खोज रहे हैं। जानकारी मुताबिक राज्य में साल 2010 से इस साल मार्च तक अकेले बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा 1500 से अधिक आईईडी बरामद किए हैं।
छत्तीसगढ़ में सीपीआई (माओवादी) के खिलाफ चल रही लडा़ई में अब प्रवासी निशाना बन सकते हैं। क्योंकि विभिन्न राज्यों से कोरोना संकट में प्रवासी राज्य में वापस आ रहे हैं। प्रवासी पैदल और छोटे रास्तों से अपने घरों की तहफ जा रहे हैं। लेकिन कई रास्तों पर आईईडी हो सकते हैं और ये ब्लास्ट हो सकते हैं। जिसके कारण सुरक्षा बलों की परेशान ज्यादा बढ़ गई है। नक्सलियों ने जंगलों और रास्तों में बेतरतीब ढंग आईईडी लगाए हैं।
दक्षिण छत्तीसगढ़ और आस-पास के राज्यों में सीमाएँ काफी छोटी हैं। झारखंड, बिहार, बंगाल, राजस्थान और अन्य राज्यों से राज्य के रास्ते में बस्तर ही खुलते हैं और यही से प्रवासी राज्य में आ रहे हैं। जिले में नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी बिछाए हैं। लिहाजा इस बात की आशंका है कि कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।
हालांकि राज्य में धीरे-धीरे सड़क परिवहन और विशेष ट्रेन सेवाओं का संचालन किया जा रहा है और आने वाले प्रवासियों को उन्हें निकटतम ब्लॉक या जिला मुख्यालय में स्थानांतरित किया जा रहा है और उसके बाद आगे की यात्रा की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन कई प्रवासी अन्य रास्तों और जंगलों के रास्तों से अपने घरों की तरफ जा रहे हैं। जो कभी भी इन आईईडी का शिकार हो सकते हैं।