हालांकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने मुंबई से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है। हालांकि इस पूरे मामले में अगर किसी दल को नुकसान हुआ है तो वह शिवसेना है। शिवसेना को आज शाम तक उम्मीद थी कि राज्य में आज उसकी सरकार बन जाएगी। हालांकि अभी तक कांग्रेस की तरफ से मुहर नहीं लगी है। सोनिया गांधी भी डरी हुई हैं। क्योंकि राज्य में कांग्रेस को सेकुलर माना जाता है।
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं दिखाई दे रही है। आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में पचास मिनट से ज्यादा मुलाकात हुई। हालांकि इस मुलाकात के अभी भी राज्य में सरकार के गठन को लेकर असमंजस के बादल दिखाई दे रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने नया फार्मूला दिया। अठावले वे इस मामले में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत से बात की है।
हालांकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने मुंबई से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है। हालांकि इस पूरे मामले में अगर किसी दल को नुकसान हुआ है तो वह शिवसेना है। शिवसेना को आज शाम तक उम्मीद थी कि राज्य में आज उसकी सरकार बन जाएगी। हालांकि अभी तक कांग्रेस की तरफ से मुहर नहीं लगी है। सोनिया गांधी भी डरी हुई हैं। क्योंकि राज्य में कांग्रेस को सेकुलर माना जाता है। वहीं शिवसेना की छवि भगवा की है। जिसके कारण सोनिया गांधी को लग रहा है कि अगर शिवसेना के लिए गठबंधन होता है तो इससे अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
आज शाम हो ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच उनके आवास दस जनपथ पर बैठक हुई है। जिसमें तीनों दलों के साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर चर्चा की थी। लेकिन सोनिया गांधी ने राज्य में सरकार के लिए हरी झंडी दी या नहीं इस पर पवार ने कोई बयान नहीं दिया है। उधर आरपीआई के प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि उन्होंने शिवसेना और भाजपा के साथ मिलकर नया फार्मूला तैयार किया है। जिसमें राज्य में तीन साल भाजपा और दो साल सरकार शिवसेना बनाएगी। जिसको लेकर संजय राउत ने सहमति दी है। अगर भाजपा इस फार्मूले से सरकार का गठन करती है तो शिवसेना उसके साथ आ सकती है। हालांकि अभी शिवसेना सीएम के पद को लेकर अड़ी है।