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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब कर्मचारियों को आसानी से नहीं निकाल सकेंगी निजी कंपनियां

Published : Jan 06, 2019, 03:23 PM IST
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब कर्मचारियों  को आसानी से नहीं निकाल सकेंगी निजी कंपनियां

सार

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और कंपनी बंद करने की मंजूरी देने वाले कुछ नियमों में बदलाव किया है। इसके बाद अब निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों का कंपनी द्वारा नौकरी से हटाए जाने वाला डर खत्म हो जाएगा। 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा होने और लोकसभा चुनावों से पहले निजी क्षेत्र में नौकरी करने वालों को एक बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों को लुभाने के लिए श्रम कानूनों में कुछ बदलाव किए हैं, जिसका नौकरी पेशा लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। 

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और कंपनी बंद करने की मंजूरी देने वाले कुछ नियमों में बदलाव किया है। इसके बाद अब निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों का कंपनी द्वारा नौकरी से हटाए जाने वाला डर खत्म हो जाएगा। नए नियमों के अनुसार जिस कंपनी में 100 से ज्यादा कर्मचारी होंगे, उसे कुछ भी एक्शन लेने से पहले सरकार की मंजूरी लेनी होगी। साथ ही ऐसी प्राइवेट कंपनी को बंद करना भी आसान नहीं होगा। ऐसी किसी भी कंपनी को अपने कर्मचारियों को निकालने से पहले सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

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सरकार ने क्लोजर, लेऑफ-रीट्रेंचमेंच क्लॉज में बदलाव किए हैं। सरकार ने यह बदलाव कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन के तहत किया। सरकार ने ड्राफ्ट बिल में कर्मचारियों की संख्या 100 से 300 कर दी थी। इसमें 300 से कम कर्मचारी वाली कंपनी मनमानी कर सकती थी। इस फैसले का ट्रेड यूनियनें विरोध कर रही थीं। उनके दबाव में सरकार ने कड़े सुधारों से ये कदम वापस लिया और संशोधित ड्राफ्ट बिल कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेज दिया। सूत्रों के अनुसार, दो से तीन हफ्तों के भीतर सरकार नए कोड को मंजूरी दी जा सकती है। 
 

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