भले ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे के गठन में जुटे हों। लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने राव को अपना गुरू मान लिया और उनकी प्रेरणा से वह एक योजना को लागू पूरे देश में लागू करने जा रहे हैं। जो तेलंगाना की सफल योजना है।
भले ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे के गठन में जुटे हों। लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने राव को अपना गुरू मान लिया और उनकी प्रेरणा से वह एक ऐसी योजना को लागू पूरे देश में लागू करने जा रहे हैं। जिससे देश के करोड़ों को किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा और उनकी सरकारी सब्सिडी उनके बैंक खाते में आएगी।
केन्द्र की मोदी सरकार किसानों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। इस योजना को योगी सरकार आम चुनावों से पहले हो सकता है। असल में केसीआर ने तेलंगाना में किसानों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम शुरू की थी और ये योजना राज्य की सबसे सफलतम योजनाओं में से एक है। लिहाजा केन्द्र सरकार केसीआर के इस योजना की शिक्षा लेकर इसे पूरे देश में लागू करना चाहती है। केन्द्र सरकार के आला अफसरों ने इस योजना का भी अध्ययन किया और उसके सभी पहलूओं पर गौर किया है।
लिहाज फिर इस योजना को देशभर में लागू करने के लिए हरी झंडी है। केंद्र किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिए इसी मॉडल को अपनाना चाहता है। अगर स्कीम लागू हुई तो बीज, खाद, कीटनाशक के लिए आर्थिक मदद सीधे छोटे और सीमांत किसानों के बैंक खाते में भेज दी जाएगी। केन्द्र सरकार तेलंगाना राज्य की रायतु बंधु योजना के आधार पर राहत देने की तैयारी कर रही है। केन्द्र सरकार द्वारा इस स्कीम को लागू करने में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा लेकिन इस खर्च को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठा सकती हैं। केन्द्र की योजना के मुताबिक 70:30 के अनुपात में केंद्र और राज्य इस खर्च का बंटवारा कर सकते हैं।
हालांकि चुनाव से पहले इस योजना को लागू करने को लेकर विपक्षी दल भी सवाल उठा सकते हैं और केन्द्र सरकार का राजनीतिक फैसला होगा लिहाजा इसे लागू करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। लेकिन कई राज्यों में बीजेपी की सरकार होने से मोदी सरकार को मदद मिल सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि जहां पर कांग्रेस की सरकारें वहां की सरकारें इसका समर्थन कर सकती हैं। क्योंकि इससे किसानों की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। असल में तेलंगाना में रायतु बंधु योजना सफल रही है।
इसके तहत राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 12 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस योजना के तहत राज्य सरकार हर मौसम में किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक और मजदूरी इत्यादि खर्चों के लिए प्रति एकड़ 4000 रुपये देती है।