उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा विकसित माने जाने वाले ग्रेटर नोएडा एक कॉलोनी आजकर मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है। वो भी इसके नाम के कारण। क्योंकि इस कॉलोनी का नाम है 'पाकिस्तान वाली गली'। इन नाम को लेकर इन लोगों को आपत्ति है। लेकिन कोई भी इस कॉलोनी का नाम नहीं बदल रहा है। हालांकि सरकारी दस्तावेजों में भी इसका नाम ये नहीं दर्ज है।
नोएडा। देश की राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया है। इन लोगों का कहना है कि वह पाकिस्तान में नहीं रहते हैं। लिहाजा उनकी गली का नाम पाकिस्तान वाली गली से बदल कर कुछ और कर दिया जाए। इसके लिए इन लोगों ने पीएम और सीएम को पत्र लिखा है।
उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा विकसित माने जाने वाले ग्रेटर नोएडा एक कॉलोनी आजकर मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है। वो भी इसके नाम के कारण। क्योंकि इस कॉलोनी का नाम है 'पाकिस्तान वाली गली'। इन नाम को लेकर इन लोगों को आपत्ति है।
लेकिन कोई भी इस कॉलोनी का नाम नहीं बदल रहा है। हालांकि सरकारी दस्तावेजों में भी इसका नाम ये नहीं दर्ज है। लेकिन उसके बावजूद पिछले 70 साल से इस कॉलोनी को लोग इसी नाम से पुकारते हैं और जानते हैं। हालांकि इसका नाम कैसे पड़ा किसी को नहीं मालूम। बस कई सालों से चलता आ रहा है और लोग इसी नाम से इसे जान रहे हैं।
Residents of "Pakistan Wali Gali" in Greater Noida request PM Modi & CM Yogi Adityanath to change the name of their colony; say, "we are Indians. 4 of our ancestors came here from Pakistan a long time ago. But still, even our Aadhar card has "Pakistan Wali Gali" written on them" pic.twitter.com/hYHWDezydk
— ANI UP (@ANINewsUP)फिलहाल कॉलोनी के लोग इन नाम से तंग आ गए हैं। क्योंकि पड़ोसी मुल्क का नाम से इस देश में कोई कॉलोनी हो, ये यहां के लोगों को पसंद नहीं है। लिहाजा उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर इस कॉलोनी का नाम बदलने की गुहार लगाई है।
दादरी के गौतमपुरी के इस वार्ड नंबर 2 में करीब 70 परिवार रहते है और दिलचस्प ये है कि यहां पर रहने वाले हिंदू हैं। उसके बावजूद लोग इस कॉलोनी को पाकिस्तान वाली गली के नाम से बुलाते आ रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉलोनी के नाम बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं मिल पाता है और लड़कियों की शादी में दिक्कत आती है और लोग ताने भी मारते हैं। फिलहाल सरकार दस्तावेजों में इसका नाम पाकिस्तान वाली गली के नाम से दर्ज नहीं है। लेकिन जो आधार कार्ड बने हैं उसमें इसका नाम दर्ज हो गया है।