सुरक्षाबलों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि जिले के बधरहामा इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। सुरक्षाबलों ने टीम बनाकर इस इलाके की घेराबंदी की और उसके बाद तलाशी अभियान को शुरू किया। रात होने के कारण सुरक्षा बलों को कई तरह की दिक्कतों को सामना करना पड़ा था।
श्रीनगर। सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां के बधरहामा क्षेत्र में मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया है। मुठभेड़ देर रात को सुरक्षबलों और आतंकियों के बीच हुई थी। हालांकि देर रात तक मलबे से शव नहीं मिले थे।
सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर इलाके में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है। पिछले हफ्ते से राज्य में रोजाना एनकाउंटर हो रहे हैं। जिसमें अभी तक आठ आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।
सुरक्षाबलों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि जिले के बधरहामा इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। सुरक्षाबलों ने टीम बनाकर इस इलाके की घेराबंदी की और उसके बाद तलाशी अभियान को शुरू किया। रात होने के कारण सुरक्षा बलों को कई तरह की दिक्कतों को सामना करना पड़ा था।
तलाशी अभियान के दौरान ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभालते हुए उन पर जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिरा दियया।
जानकारी के मुताबिक इस इलाके में प्रशासन ने खुफिया सूचना के आधार पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। क्योंकि स्थानीय लोग आतंकियों के समर्थन में आ सकते हैं। फिलहाल अभी सुरक्षा बलों ने इस इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखा है।
पिछले हफ्ते से राज्य में लगातार आतंकियों का सफाया किया जा रहा है। राज्य में अभी तक पिछले हफ्ते से चार एनकाउंटर हो चुके हैं और इसमें आठ आंतकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।
फिलहाल राज्य में अगले कुछ माह के दौरान विधानसभा चुनाव कराने की अटकलें चल रही हैं। लिहाजा केन्द्र सरकार ने सुरक्षा बलों को आदेश दिया है कि वह राज्य से आतंकियों का सफाया कर चुनाव के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करे।
राज्य में भी पिछले दो महीने के दौरान कई एनकाउंटर हो चुके हैं। जिसमें कई आतंकियों को मार गिराया है। फिलहाल केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल राज्य का दौरा कर चुके हैं। हालांकि अमित शाह के कश्मीर दौरे के दौरान ऐसा पहली बार हुआ है जब अलगाववादियों ने राज्य बंद नहीं किया था। जबकि इससे पहले वह विरोध के तौर पर घाटी बंद करने का ऐलान करते थे।